Basant Panchami 2025: मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त से लेकर भोग तक, एक क्लिक में जानें सबकुछ
धार्मिक मान्यता के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मां सरस्वती का प्रकटीकरण हुआ था। इसलिए वसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा और व्रत करने से विद्या बुद्धि और ज्ञान का वरदान मिलता है। साथ ही जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी जानकारी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वसंत पंचमी के पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस पर्व के दिन देशभर में खास रौनक देखने को मिलती है। शिक्षा, साहित्य, संगीत और कला क्षेत्र से जुड़े लोग मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही अन्न और धन का दान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मां सरस्वती की उपासना करने से करियर में सफलता मिलती है। साथ ही मां सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग समेत आदि के बारे में।
वसंत पंचमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 02 फरवरी को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है।
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ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक
अमृत काल - रात 08 बजकर 24 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक
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मां सरस्वती के भोग (Maa Saraswati Ke Bhog)
वसंत पंचमी की पूजा थाली में बेसन के लड्डू का भोग, पीले मीठे चावल, गाजर की बर्फी, केसर वाली खीर, बूंदी, पीले फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। धार्मिक मान्यता है कि इन चीजों का भोग लगाने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
वसंत पंचमी पूजा विधि (Basant Panchami Puja Vidhi)
- वसंत पंचमी के दिन की शुरुआत मां सरस्वती के ध्यान से करें।
- इसके बाद स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- अब शुभ मुहूर्त में चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करें।
- इसके बाद पीले रंग का पुष्प, रोली, केसर, हल्दी, चंदन और अक्षत समेत आदि चीजें चढ़ाएं।
- देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। मंत्रों का जप करें।
- जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
- पीले चावल, फल और मिठाई का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद बाटें।
मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Ke Mantra)
1. या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।।
या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।
2. ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।
वन्दे भक्तया वन्दिता च।।
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