Saraswati Puja 2025: सरस्वती पूजा के दिन अपनी किताब में रखें यह 1 चीज, होगा लाभ ही लाभ
सरस्वती पूजा का दिन अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन पूरे देश में भक्ति के साथ मनाया जाता है। इसे बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती को समर्पित है। इस साल यह पर्व 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा तो आइए इस दिन (Saraswati Puja 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सरस्वती पूजा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा करते हैं और कुछ जातक उपवास भी रखते हैं। इसे श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हिंद पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व दिन रविवार, 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व (Saraswati Puja 2025) हर साल पूरे भारत में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
सरस्वती पूजा पर किताब में क्या रखें?
सरस्वती पूजा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कई सारे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन में खुशहाली आती है। इन्हीं में एक उपाय ये भी है कि इस दिन किताब में मोरपंख रखना चाहिए। यह बहुत ही उत्तम माना जाता है, क्योंकि मोरपंख को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
मात्र इस एक उपाय से पढ़ाई में मन लगता है। साथ ही व्यक्ति सफलता की ओर अग्रसर होता है। ऐसे में इस पावन मौके पर अपनी किताब में मोर का पंख जरूर रखें।
सरस्वती पूजा मंत्र (Saraswati Puja 2025 Mantra)
1. ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ ।।
2. ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।
3. ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।।
सरस्वती पूजा 2025 डेट और टाइम (Saraswati Puja 2025 Date and Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट (Basant Panchami Puja Time) पर होगी। वहीं, इसका समापन 03 फरवरी (Saraswati Puja 2025) को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए इस साल 02 फरवरी को सरस्वती पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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