मंगल और शनि की शांति के लिए करें हनुमान जी की पूजा, बुढ़वा मंगल पर करें ये उपाय
यदि किसी व्यक्ति को मंगल ग्रह की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है या शनि की पीड़ा से परेशान हैं तो बुढ़वा मंगल पर हनुमान जी की पूजा करने से लाभ मिलेगा। दरअसल मंगल ग्रह के कारक देव हनुमान जी हैं। वहीं शनिदेव ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया था वह उनके भक्तों को पीड़ा नहीं देंगे।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ माह (Jyeshta Month 2025) में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है। इस दिन अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता हनुमान जी की पूजा करने का विशेष विधान है। इस साल 13 मई से बुढ़वा मंगल शुरू हो रहे हैं।
10 जून की तारीख तक कुल मिलाकर 5 बुढ़वा मंगल के दिए आएंगे। यदि किसी व्यक्ति को मंगल ग्रह की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है या शनि की पीड़ा से परेशान हैं, तो बुढ़वा मंगल पर हनुमान जी की पूजा करने से लाभ मिलेगा।
मई-जून में पड़ेंगे 5 बड़े मंगल
पहला बड़ा मंगल - 13 मई 2025
दूसरा बड़ा मंगल - 20 मई 2025
तीसरा बड़ा मंगल - 27 मई 2025
चौथा बड़ा मंगल - 3 जून 2025
पांचवां बड़ा मंगल - 10 जून 2025
मंगल दोष की होगी शांति
यदि कुंडली में किसी तरह का मंगल दोष है, मंगल ग्रह नीच का है या शत्रु क्षेत्री होकर बैठा है, तो हनुमान जी की शरण में जाना चाहिए। मंगल ग्रह के खराब होने पर दुर्घटना, चोट आदि लगती है। शत्रु पक्ष हावी रहता है। व्यक्ति पराक्रम नहीं दिखा पाता है।
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ऐसी स्थिति में मंगल के कारक ग्रह हनुमान जी की शरण में जाना चाहिए। मंदिर में जाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और घी का दीपक लगाएं। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ करने से भी मंगल ग्रह के कारण मिलने वाली पीड़ा कम होती है।
शनि की पीड़ा में भी मिलती है राहत
शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया है कि जो भी बजरंगबली की शरण में होगा, उसे वह परेशान नहीं करेंगे। यदि आपकी साढ़े साती या ढैय्या चल रही है। यदि शनि की महादशा अच्छी नहीं जा रही है, तो भी हनुमान जी की पूजा करने, चोला चढ़ाने, हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करने से राहत मिल सकती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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