Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navgrah Shanti: नवग्रहों की शांति के लिए लगाएं ये पौधे, दिन और नक्षत्र का ध्यान रखने से होंगे ये लाभ

    By kartikey.tiwariEdited By:
    Updated: Thu, 11 Jul 2019 11:28 AM (IST)

    Navgrah Shanti शारीरिक कष्ट से मुक्ति एवं वास्तु की शुद्धता के लिए कुछ महत्वपूर्ण औषधियाँ निर्दिष्ट हैं जिनका ज्योतिष में नवग्रह के प्रतिनिधि-रूप में स्थान प्राप्त है।

    Navgrah Shanti: नवग्रहों की शांति के लिए लगाएं ये पौधे, दिन और नक्षत्र का ध्यान रखने से होंगे ये लाभ

    Navgrah Shanti: ज्योतिष-शास्त्र में नवग्रहों की उपस्थिति ही भूत, भविष्य और वर्तमान की स्थिति-परिस्थिति को संचालित करती है। नौ ग्रह प्राकृतिक सम्पदा के पोषक ही नहीं, अपितु प्रकृति से तदात्मय स्थापित कर ये ग्रह अनेकानेक दोषों को दूर भी करते हैं। ग्रह पर्यावरण को संरक्षित करने में अपना अपूर्व योगदान करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कृतिक औषधियों से नवग्रहों के ताप का शमन तो होता ही है, साथ ही वास्तु की दृष्टि से उचित एवं शास्त्र निर्दिष्ट पेड़-पौधे लगाने से अनेक बाह्य-आन्तरिक पीड़ा व दोषों को दूर कर समृद्धि एवं स्थिरता की प्राप्ति की जा सकती है। शारीरिक कष्ट से मुक्ति एवं वास्तु की शुद्धता के लिए कुछ महत्वपूर्ण औषधियाँ निर्दिष्ट हैं, जिनका ज्योतिष में नवग्रह के प्रतिनिधि-रूप में स्थान प्राप्त है।

    नवग्रहों के लिए विशेष पौधे:

    सूर्य के लिए-सफ़ेद मदार।

    चन्द्रमा के निमित्त-पलाश।

    मंगल के लिए खदिर (ख़ैर) अथवा शिशिर।

    बुध के लिए अपामार्ग ( चिचिड़ा)।

    बृहस्पति के लिए अश्वत्थ (पीपल)।

    शुक्र के लिए गूलर।

    शनि के निमित्त- शमी।

    राहु के लिए चन्दन और दूर्वा।

    केतु के लिए असगंध अर्थात् कुश।

    ज्योतिष एवं प्रकृति एक दूसरे के पूरक हैं। शुभ मुहूर्त में दिन के अनुसार ग्रहानुकूल वृक्ष या पौधरोपण निसंदेह वास्तुदोष को दूर कर मानव जीवन में सुख-समृद्धि की अनवरत वर्षा करते हैं।

    नक्षत्र के आधार पर यदि पौधरोपण जिस स्थान पर होता है, वहाँ वास्तु दोष कभी हो ही नहीं सकता। पर्यावरण-संरक्षण में नवग्रहों का बड़ा योगदान है।

    दिशा एवं नक्षत्र के अनुसार, ग्रह औषधियां लगाई जाएं तो किसी भी प्रकार का दोष प्रभावी नहीं हो पाता। मूलतः प्रत्येक ग्रह अपनी गोचर अवस्था के अनुसार अनेक वनौषधियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनकी ज्योतिष-शास्त्र में गणना की जाए तो लक्षाधिक हैं, किंतु यहाँ कुछ शुभ वनस्पतियों का उल्लेख ही प्रासंगिक है।

    दिशा और उसके प्रतिनिधि ग्रह

    दिशा-स्वामी

    पूरब-सूर्य,शुक्र।

    आग्नेय-चन्द्रमा।

    दक्षिण-मंगल।

    दक्षिण-पश्चिम-केतु।

    पश्चिम-शनि।

    पश्चिम-उत्तर(वायव्य)-राहु।

    उत्तर-बृहस्पति।

    उत्तर-पूर्व(ईशान)-बुध।

    दिन और नक्षत्र के अनुसार लगाएं पौधे

    1. गुरुवार को पुष्य नक्षत्र मिलने पर ईशान में अपामार्ग (चिचिड़ा) का पौधा लगाना शुभ है।

    2. शुक्रवार को आर्द्रा नक्षत्र में पूरब दिशा में गूलर उत्तम है।

    3. सोमवार को अश्विनी नक्षत्र में आग्नेय दिशा में पलाश का रोपण शुभ है।

    4. मंगलवार को अश्विनी नक्षत्र में दक्षिण दिशा में खदिर (ख़ैर) या शिशिर का वृक्ष का लगाना वास्तु की शुद्धता है।

    5. दक्षिण-पश्चिम के कोने में शुक्रवार को श्रवण नक्षत्र को नागकेशर, कुश या शतावर लगाने से बाह्य बाधा से मुक्ति मिलती है।

    6. गुरुवार को अनुराधा नक्षत्र में उत्तर दिशा की ओर अश्वत्थ (पीपल) का पौधा आरोपित करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

    7. पश्चिम दिशा में शनिवार को शमी का वृक्ष लगाने से सर्वविध समृद्धि की प्राप्ति होती है। ध्यान रहे की शनिवार को शतभिषा या स्वाति नक्षत्र हो तो अति फलदायक होता है।

    Astrology Tips: पेड़-पौधे लगाने से खुल जाएगी बंद किस्मत, धन, वैभव और समृद्धि की नहीं रहेगी कमी

    Vastu Tips: ऐसी 10 चीजें, जिसे भूलकर भी अपने घर या ऑफिस में न रखें, वरना होंगे ये नुकसान

    8. घर के मध्य (ब्रह्म-स्थान) में ढाई हाथ उत्तर-पूरब से हटकर सोमवार को बिल्व वृक्ष लगाने से घर सर्वबाधा मुक्त हो जाता है। उत्तर एवं पूर्व के मध्य नीम का वृक्ष आरोग्य-सुख प्रदान करता है। नीम का वृक्ष बुधवार को हस्त नक्षत्र में लगाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

    सभी पौधे लगाने से पहले गड्ढे में गाय का दूध एवं शहद अवश्य डालना चाहिए। इनके अतिरिक्त हल्दी, नारियल, लाजवंती, दौना एवं तुलसी के पौधे भी शुभ होते हुए वास्तुदेव को अतिप्रिय हैं। उक्त समस्त पौधे भारतीय प्राकृतिक परम्परा के “ मनिप्लांट” हैं।

    — ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट

    comedy show banner
    comedy show banner