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    Vinayaka Chaturthi 2025: शारदीय नवरात्र में कब है विनायक चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 01:00 PM (IST)

    प्रत्येक बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साधक श्रद्धा भाव से चतुर्थी तिथि (Vinayaka Chaturthi 2025) पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन का महीना बेहद खास होता है। यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान देवी मां दुर्गा और उनके रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।

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    वहीं, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही विशेष काम में सफलता पाने के लिए व्रत रखा जाता है। आइए, आश्विन माह के विनायक चतुर्थी की तिथि और मुहूर्त जानते हैं-

    कब है विनायक चतुर्थी?

    प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल 25 सितंबर को विनायक चतुर्थी है। इस शुभ अवसर पर जगत जननी मां दुर्गा संग भगवान गणेश की पूजा की जाएगी।

    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 25 सितंबर को सुबह 07 बजकर 06 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 26 सितंबर को सुबह 09 बजकर 33 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन होगा। चतुर्थी तिथि पर चंद्र दर्शन किया जाता है। इसके लिए 25 सितंबर को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।

    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Yog)

    आश्विन माहके शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में शिव परिवार की पूजा की जाएगी। इस शुभ अवसर पर रवि और भद्रावास योग का संयोग है। भद्रावास योग का संयोग रात भर है। वहीं, भद्रावास योग शाम 08 बजकर 18 मिनट तक है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 58 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- रात 08 बजकर 08 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 03 बजकर 01 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।