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    Pradosh Vrat 2025 Date: कब मनाया जाएगा आश्विन माह का अंतिम प्रदोष व्रत? यहां नोट करें तिथि और मुहूर्त

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 04:17 PM (IST)

    शनिदेव के आराध्य देवों के देव महादेव हैं। इसके लिए भगवान शिव की पूजा करने वाले साधकों पर शनिदेव की असीम कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जातक अपने करियर और कारोबार में खूब तरक्की करता है। शनि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025 Date) पर काले रंग की चीजों का दान अवश्य करें।

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    Pradosh Vrat 2025 Date: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का खास महत्व है। यह पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि देवी मां दुर्गा शारदीय नवरात्र के दौरान पृथ्वी लोक पर निवास करती हैं। इसके लिए मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। आइए, आश्विन माह के अंतिम प्रदोष की सही तिथि और मुहूर्त जानते हैं-

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 04 अक्टूबर को है। इस दिन शाम 05 बजकर 09 मिनट पर त्रयोदशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 05 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन होगा।

    त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए आश्विन माह का अंतिम प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 29 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 55 मिनट तक है।

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ योग

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग सुबह 06 बजकर 13 मिनट से है। वहीं, सुबह 09 बजकर 09 मिनट पर द्विपुष्कर योग की समाप्ति होगी। ज्योतिष द्विपुष्कर योग को शुभ मानते हैं। इस योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 29 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।