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    Ashadha Amavasya 2025 Daan: आषाढ़ अमावस्या के दिन करें इन चीजों का दान, दूर होगी पितरों की नाराजगी

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 07:37 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि आषाढ़ (Ashadha Amavasya 2025 Daan) अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

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    Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार 25 जून को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। साधक गंगा नदी के तट पर जप और तप करते हैं। वहीं, पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान किया जाता है।

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    अमावस्या तिथि पर दान करने से साधक पर महादेव की कृपा बरसती है। साथ ही कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसके अलावा, पितरों की नाराजगी भी दूर हो जाती है। अगर आप भी पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या के दिन इन चीजों का दान करें।

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    करें इन चीजों का दान

    • कुंडली में चंद्र और शुक्र की स्थिति मजबूत करने के लिए साधक आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा के बाद चावल, पोहा, दही, दूध, चीनी, नमक, आटा आदि चीजों का दान करें। इस उपाय को करने से न केवल मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है, बल्कि सुखों में भी वृद्धि होती है।
    • अगर आप कारोबार में तरक्की और उन्नति पाना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या के दिन साबुत मूंग, हरी सब्जियां, मौसमी फल, हरे रंग के वस्त्र आदि चीजों का दान करें। इन चीजों के दान से कुंडली में बुध मजबूत होता है।
    • कुंडली में गुरु मजबूत करने के लिए आषाढ़ अमावस्या पर पूजा के बाद चने की दाल, बेसन, पपीता, केला, पीले रंग के कपड़े आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा साधक पर बरसती है।
    • अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा के बाद काले तिल, छाता, जूते, चप्पल, साबुत उड़द, कंबल आदि चीजों का दान करें। इन चीजों के दान से राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।