Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा का शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन, जाने से पहले जरूर कर लें ये तैयारी
हर साल अमरनाथ की यात्रा के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस यात्रा की शुरुआत गुरुवार 03 जुलाई से होने जा रही है जो शनिवार 09 अगस्त 2025 (Amarnath Yatra 2025 Schedule) तक चलने वाली है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की शुरुआत सोमवार 14 अप्रैल से हो चुकी है। ऐसे में चलिए जानते हैं रजिस्ट्रेशन से संबंधित कुछ जरूरी बातें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जल्द ही भक्तों का इंतजार खत्म होगा, क्योंकि अमरनाथ की यात्रा (Amarnath Yatra 2025 Registration) के रजिस्ट्रेशन 14 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं। जल्द ही भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा का मन बना रहे हैं, तो इससे पहले कुछ बातें जरूर जान लें, ताकि आपकी यात्रा में किसी तरह की बाधा न आए।
कहां करें रजिस्ट्रेशन (Amarnath Yatra registration)
पंजीकरण बायोमेट्रिक तरीके से ही होगा, जिसके लिए आपको स्वास्थ्य प्रमाणपत्र आवश्यक है। इसके लिए आपको श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.shriamarnathjishrine.com पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के साथ-साथ आपको आधार कार्ड, यात्रा पंजीकरण परमिट और पासपोर्ट साइज फोटो की भी आवश्यकता होगी। साथ ही अधिकृत बैंकों की शाखाओं में जाकर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
यात्रा शुरू से पहले पहले आपको कुछ तैयारियां कर लेनी चाहिए, क्योंकि अमरनाथ की यात्रा एक कठिन यात्रा मानी जाती है। यात्रा के लिए गर्म कपड़े, दवाइयां जरूर पैक कर लें। अपने साथ रेनकोट आदि भी जरूर रखें, क्योंकि अमरनाथ यात्रा में बारिश की संभावना भी बनी रहती है।
यात्रा से पहले अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखें और फिट रहें। क्योंकि यह एक धार्मिक यात्रा है, तो इस इस दौरान स्वच्छता और पवित्रता का भी ध्यान रखें। बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी जरूर करें।
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इसलिए खास है यह यात्रा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी भक्त, श्रद्धापूर्वक अमरनाथ की यात्रा (Amarnath Yatra 2025) पूरी कर बाबा बर्फानी के दर्शन करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, अमरनाथ की पवित्र गुफा में ही भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी।
यह भी कहा जाता है कि इस अमर कथा को वहां स्थित एक कबूतर के जोड़े ने सुन लिया था, जो अमर हो गया। माना जाता है कि वह कबूतर का जोड़ा आज भी गुफा में स्थित है, जिसे कई लोगों ने देखा है, इसलिए इन्हें अमर पक्षी भी कहा जाता है।
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