Amarnath Yatra 2025: दुर्लभ रास्ते, कठिन मौसम... फिर क्यों लाखों लोग जाते हैं यहां, क्या है इसका महत्व
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। लाखों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कठिन रास्तों से गुजरते हैं। माना जाता है कि इसी गुफा में भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को अमृत की कथा सुनाई थी। श्रावण मास में यहां प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण होता है। मोक्ष और शिव की कृपा पाने के लिए लोग इस पवित्र यात्रा पर जाते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। इस दौरान भोलेनाथ के लाखों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए दुर्लभ रास्तों और कठिन मौसम की चुनौतियों को पार करते हुए समुद्र तल से 3978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक पहुंचेंगे।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस गुफा में ऐसा क्या खास है कि लाखों लोग यहां दर्शन करने जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। यहां पहुंचने का रास्ता बहुत दुर्गम है। मौसम भी पल-पल बदलता है और शारीरिक क्षमताओं की परीक्षा लेता है।
दरअसल, भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को अमृत की कथा इसी गुफा में सुनाई थी। जब वह कथा सुनने के लिए जा रहे थे, तो रास्ते में उन्होंने नंदी को पहलगाम में छोड़ दिया था।
इसके बाद पिस्सू टॉप में सांप को छोड़ दिया था। चंदनवाड़ी में चंद्रमा को छोड़ दिया था और बेटे गणेश को महागुणस पर्वत पर छोड़ दिया था। दरअसल, वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इस कथा को सिर्फ माता पार्वती ही सुनें।
प्राकृतिक रूप से बना था शिवलिंग
इसी वजह से वह चूना पत्थर और जिप्सम से बनी 19 मीटर लंबी 16 मीटर चौड़ी और 11 मीटर ऊंची अमरनाथ की गुफा पहुंचे थे। जिस वक्त भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को अमृत की यह कथा सुनाई थी, उस वक्त गुफा में प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण हुआ था।
तब से लेकर आज तक हर साल श्रावण मास में इस गुफा में प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है।अमावस्या के बाद में यह प्राकृतिक हिम शिवलिंग घटने लगता है, जो प्रकृति के किसी चमत्कार से काम नहीं है।
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यात्रा से मिलता है मोक्ष
इस दौरान गुफा में कबूतर का एक जोड़ा भी था, जो इस अमरत्व की कथा को सुनकर अमर हो गया। इसी अमरत्व और मोह माया के बंधन से छूटने और मोक्ष की प्राप्ति की तलाश में लोग बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते हैं।
वहीं, कुछ लोग विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए इस पवित्र यात्रा पर जाते हैं। कुछ लोग मोक्ष और शिव की कृपा पाने के लिए यह यात्रा करते हैं। इन दुर्लभ रास्तों से चढ़ाई करते हुए बाबा बर्फानी के दर्शन करके वह अपना जीवन धन्य करते हैं।
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