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    Chanakya Niti: ये 3 खास लोग जीते हैं राजाओं की तरह जिंदगी, छूते हैं आसमान

    आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti Tips) अपनी नीतियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। सामान्य से सामान्य व्यक्ति नीति शास्त्र का पालन कर सफल हो सकता है। कर्मशील लोग अपने जीवन में खूब तरक्की और उन्नति करते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी रचना नीति शास्त्र में व्यक्ति को कर्मशील रहने की सलाह दी है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 30 Apr 2025 04:14 PM (IST)
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    Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनमोल विचार

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य की नीति आज भी प्रासंगिक हैं। अपनी रचना नीति शास्त्र में चाणक्य कहते हैं कि धर्म पथ पर रहकर कर्म करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में जरूर सफल होता है। व्यक्ति के जीवन में भले ही विषम परिस्थिति पैदा होती है। इसके बावजूद व्यक्ति परम पिता परमेश्वर की कृपा से मुश्किल घड़ी से बाहर निकल आता है। आचार्य चाणक्य को विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। चंद्रगुप्त मौर्य के समकालीन आचार्य चाणक्य ने भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।

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    आचार्य चाणक्य ने अपनी रचना नीति शास्त्र में बताया है कि तीन तरह के लोग पृथ्वी पर राजाओं की तरह जिंदगी जीते हैं। ऐसे लोगों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इन लोगों को अल्प समय में ही सफलता मिल जाती है। जानकारों की मानें तो नीति शास्त्र और अर्थशास्त्र का पालन करने वाले लोगों को जीवन में अवश्य सफलता मिलती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    मातृवत् परदारांश्च परद्रव्याणि लोष्ठवत्।

    आत्मवत् सर्वभूतानि यः पश्यति स पश्यति॥

    आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के बारहवें अध्याय में राजाओं की तरह जिंदगी जीने वाले लोगों की जानकारी दी है। चाणक्य नीति शास्त्र के बारहवें अध्याय के 13वें श्लोक में कहते हैं-मातृवत् परदारांश्च यानी जो व्यक्ति अपनी पत्नी को छोड़कर सभी महिलाओं को माता मानता है। उस पर परमात्मा की असीम कृपा बरसती है। परम पिता परमेश्वर की कृपा से व्यक्ति पृथ्वी लोक पर राजाओं की तरह जिंदगी जीते हैं।

    आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि व्यक्ति अपने कर्मों से जीवन में तरक्की और उन्नति की राह पर अग्रसर रहते हैं। वहीं, दूसरों के धन को चुराने या अपना मानने वाले लोग जीवन में कभी सुखी नहीं रह पाते हैं। परद्रव्याणि लोष्ठवत् यानी दूसरे के धन को ढेला समझने वाले लोग हमेशा सुखी रहते हैं। ऐसे लोगों पर परमात्मा की भी कृपा बरसती है। नारायण की कृपा से ऐसे लोगों को धरती पर सभी प्रकार के सुखो की प्राप्ति होती है।

    आचार्य चाणक्य श्लोक के अंत में कहते हैं कि सभी जीवों में परमात्मा को देखने वाले लोग जीवन में हमेशा सुखी रहते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में सुखी और संतुष्ट रहते हैं। साथ ही जीवन में खूब तरक्की करते हैं। इसके साथ ही मधुरभाषी, सात्विक व्यक्ति, दानी और विनम्र स्वभाव रखने वाले लोग भी जीवन में तरक्की और उन्नति की राह पर अग्रसर रहते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।