Chanakya Niti: कठोर तप का ऐसा होता है परिणाम, जानिए आचार्य कौटिल्य से
Chanakya Niti चाणक्य नीति को ज्ञान का सागर माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें बताए गए शिक्षा से व्यक्ति किसी भी परिस्थति को आसानी से पार कर सकता है। चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं किन चीजों को बिना कठोर तप के नहीं पाया जा सकता?
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से कई युवाओं का मार्ग दर्शन किया है। चाणक्य नीति में जीवन को किस तरह सरल बनाया जाए इस विषय में विस्तार से बताया गया है। बता दें कि आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में होती है। उन्हें न केवल अर्थ नीति, राजनीति व कूटनीति का ज्ञान था अथवा वह जीवन के अनेकों नीतियों के विषय में भी विस्तृत ज्ञान रखते थे। उनके दिशा-निर्देशों के कारण ही महान शासक चन्द्रगुप्त मौर्य ने मगध पर शासन किया था और मौर्य वंश की स्थापना हुई थी। व्यक्ति को जीवन में सफलता के मार्ग पर चलने के लिए एक बार चाणक्य नीति जरूर पढ़ना चाहिए। आइए चाणक्य नीति के इस भाग में जानतें है कि कठिन तप का परिणाम क्या मिलता है।
Chanakya Niti: बिना कठोर तप के नहीं मिलता है ये सब
भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना ।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ।।
अर्थात- भोजन के लिए योग्य पदार्थ और भोजन करने की अच्छी क्षमता। इसके साथ सुंदर व वीर स्त्री, पर्याप्त धनराशी, दान देने की भावना। यह सभी संयोग सामान्य तप से प्राप्त नहीं होता है।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य बता रहें हैं कि अच्छा भोजन और उस भोजन को करने की क्षमता से व्यक्ति के स्वास्थ्य और धन का ज्ञान होता है। इसके साथ सुंदर, वीर और घर के साथ-साथ अन्य दूसरे कार्यों में भी दक्ष पत्नी किस्मत वालों को ही मिलती है। आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि पर्याप्त धन राशि होने के लिए पर्याप्त परिश्रम की आवश्यकता होती है। जिसके पास भोजन, क्षमता, पत्नी और धन के साथ-साथ दान करने की भावना भी है उसे इस जन्म में सामान्य तप का फल प्राप्त नहीं हुआ है। बल्कि उसने कठोर तप के कारण यह सब अर्जित किया है।
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