Aaj ka Panchang 31 May 2025: शनिवार के दिन बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन मुख्य रूप से शनिदेव की आराधना के लिए समर्पित माना गया है। इन दिन पर विशेष विधि-विधान से शनिदेव की आराधना करने से साधक को शनि दोष से राहत मिल सकती है। एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 31 May 2025) पंचांग।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज शनिवार 31 मई के दिन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि पर कई शुभ और अशुभ योग भी बन रहे है, जिसमें व्यक्ति को अलग-अलग कार्यों का अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।
आज का पंचांग (Panchang 31 May 2025)
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि - रात 8 बजकर 15 मिनट तक
संवत - 2082
योग -
वृद्धि - सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक
करण
बव - सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक
बलव - रात 8 बजकर 15 मिनट तक
वार - शनिवार
ऋतु - ग्रीष्म
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त- शाम 7 बजकर 14 मिनट पर
चंद्रोदय - सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर
चंद्रास्त - रात 11 बजकर 33 मिनट पर
शुभ समय
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - सुबह 8 बजकर 51 मिनट से दोपहर 10 बजकर 35 मिनट तक
गुलिक काल - प्रात: 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 8 मिनट तक
यमगंडा - दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से दोपहर 3 बजकर 47 मिनट तक
दिन के विशेष अशुभ समय खंड: एक सरल समझ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हर दिन में कुछ विशेष समय खंड जैसे राहुकाल, यमगंड और भद्राकाल को अशुभ माना जाता है, जिनमें कोई नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
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राहुकाल -
यह समय राहु देव से संबंधित माना जाता है, जो ज्योतिष में भ्रम, अनिश्चितता, और अप्रत्याशित घटनाओं के प्रतीक हैं। इसलिए राहुकाल को अशुभ माना गया है और इस दौरान कोई भी नया कार्य, यात्रा, निवेश या महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है। यह काल मानसिक अशांति या असफलता का कारण बन सकता है, इसलिए सावधानी आवश्यक होती है। हालांकि, यह समय आत्मचिंतन, ध्यान, मंत्र जप, और आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है, जिससे व्यक्ति को आंतरिक शांति और राहु की अनुकूलता प्राप्त हो सकती है।
यम गण्ड -
यह समय यम देव से संबंधित होता है, जो मृत्यु और नियति के देवता माने जाते हैं। यमगंड काल को ज्योतिष में अशुभ माना जाता है, इसलिए इस समय में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत या यात्रा करना उचित नहीं होता। यह समय अच्छे परिणाम देने के बजाय समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, यमगंड काल का उपयोग आत्मनियंत्रण, संयम, और धैर्य की साधना के लिए किया जा सकता है, क्योंकि यह समय मानसिक शक्ति और आत्म-नियंत्रण बढ़ाने के लिए उपयुक्त होता है।
गुलिक काल -
यह काल शनि देव के पुत्र गुलिक से संबंधित होता है, और कुछ परंपराओं में इसे निरपेक्ष या मध्यम रूप से शुभ माना गया है। कई ज्योतिष ग्रंथों में इस समय को दीर्घकालिक कार्यों, जैसे किसी बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत, या आध्यात्मिक अभ्यास, साधना और साधारण कार्यों के लिए उपयुक्त बताया गया है। इस समय में कार्यों में बाधाएं कम होती हैं और यह दीर्घकालिक सफलता का रास्ता खोल सकता है।
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इन बातों का रखें ध्यान -
ये समय खंड किसी भय या अशुभता का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि एक ऊर्जात्मक सावधानी (जब ऊर्जा थोड़ी अनियमित या अशांत हो सकती है) का संकेत देते हैं। यदि आप कोई विशेष या शुभ कार्य आरंभ करना चाहें, तो इन समयों को टालना बेहतर हो सकता है, लेकिन ये किसी भी रूप में बाधक नहीं हैं। सर्व समर्थ ईश्वर का नाम सभी कालों से सर्वोपरि है।
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
पुष्य नक्षत्र - रात्रि 9 बजकर 07 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं - अत्यधिक सहनशीलता, कड़ी मेहनत,शांत और स्थिर मन, उच्च बुद्धिमत्ता, सादगी में महानता, धैर्यशील व्यक्तित्व, परोपकारी स्वभाव
नक्षत्र स्वामी - शनि
राशि स्वामी - चंद्रमा
देवता - बृहस्पति
प्रतीक - कमल या गाय का थन
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यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।
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