Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Aaj ka Panchang 26 September 2025: आज की जाएगी मां कूष्मांडा की पूजा, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार आज यानी शुक्रवार 26 सिंतबर के दिन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। शारदीय नवरात्र चल रहे हैं। ऐसे में आज मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाएगी। चलिए पंचांग (Aaj ka Panchang 26 September 2025) से जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल के बारे में।

    Hero Image
    Aaj ka Panchang 26 September 2025 पढ़ें आज का पंचांग।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है। माना गया है कि इस दिन आदिशक्ति के स्वरूप मां कुष्मांडा की आराधना करने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में चलिए एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक से जानते हैं कि आज के दिन कौन से शुभ-अशुभ योग बन रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आज का पंचांग (Panchang 26 September 2025)

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त - सुबह 9 बजकर 32 मिनट पर

    विष्कुम्भ योग - रात 10 बजकर 51 मिनट तक

    करण -

    विष्टि - सुबह 9 बजकर 32 मिनट तक

    बव - रात 10 बजकर 48 मिनट तक

    वार - शुक्रवार

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 6 बजकर 11 मिनट से

    सूर्यास्त - शाम 6 बजकर 13 मिनट पर

    चंद्रोदय - सुबह 10 बजकर 4 मिनट से

    चंद्रास्त - रात 8 बजकर 35 मिनट पर

    सूर्य राशि - कन्या

    चंद्र राशि - तुला

    शुभ समय अवधि

    अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक

    अमृत काल - दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से दोपहर 2 बजकर 3 मिनट तक

    अशुभ समय अवधि

    राहुकाल - सुबह 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 7 बजकर 42 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक

    यमगण्ड - दोपहर 3 बजकर 13 मिनट से दोपहर 4 बजकर 43 मिनट तक

    आज का नक्षत्र

    आज चंद्रदेव विशाखा नक्षत्र में रहेंगे…

    विशाखा नक्षत्र - रात 10 बजकर 9 मिनट तक

    सामान्य विशेषताएं - ईर्ष्यालु, क्रोधी, ईश्वर-भक्त, ईमानदार, महत्वाकांक्षी, योद्धा स्वभाव, धैर्यवान, हास्यप्रिय और मिलनसार

    नक्षत्र स्वामी - बृहस्पति देव

    राशि स्वामी - शुक्र देव, मंगल देव

    देवता - इंद्राग्नि - यज्ञ के देवता

    प्रतीक - विजय का मेहराब या कुम्हार का चाक

    यह भी पढ़ें - Shardiya Navratri की अष्टमी और नवमी तिथि पर यहां जलाएं दीपक, मिलेगी देवी मां की कृपा

    यह भी पढ़ें - Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के दौरान रोजाना करें इन मंत्रों का जप, खुशियों से भर जाएगा संसार

    यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।