Aaj ka Panchang 25 June 2025: आषाढ़ अमावस्या पर बन रहे हैं कई योग, एक क्लिक में पढ़ें पंचांग
वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 25 जून को आषाढ़ अमावस्या (Ashadha Amavasya 2025 Date) मनाई जा रही है। इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज के शुभ और अशुभ मुहूर्त के बारे में।
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आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 25 जून को आषाढ़ माह की अमावस्या (Ashadha Amavasya 2025) तिथि है। इस तिथि को पितरों को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है। इस अवसर पर लोग तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य किया जाता है। इससे पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। साथ ही शुभ फल मिलता है। आषाढ़ अमावस्या पर कई योग का निर्माण भी हो रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 25 June 2025) और नक्षत्र के बारे में।
तिथि: अमावस्या शाम 04:00 बजे तक
योग: गण्ड प्रातः 06:00 बजे तक
योग: 26 जून को वृद्धि प्रातः 02 बजकर 39 मिनट तक
करण: चतुष्पद प्रातः 05 बजकर 28 मिनट तक
करण: नाग शाम 04:00 बजे तक
करण: 26 जून को किंस्तुघ्न प्रातः 02 बजकर 39 मिनट तक
(Pic Credit- Freepik)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चंद्रोदय: कोई समय नहीं
चन्द्रास्त: रात 07 बजकर 42 मिनट पर
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: मिथुन
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत: कोई समय नहीं
अमृत काल: रात्रि 11 बजकर 34 से प्रात: 01 मिनट 02 बजे तक, जून 26
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: प्रात: 10 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक
यमगंडा: प्रात: 07 बजकर 10 मिनट से प्रात: 08 बजकर 54 मिनट तक
राहु काल: दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 02 बजकर 09 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
मृगशिरा नक्षत्र: प्रात: 10 बजकर 40 बजे तक
सामान्य विशेषताएं: कूटनीतिक स्वभाव, आकर्षक व्यक्तित्व, कामुकता, परिश्रमी स्वभाव, अस्थिर प्रतिबद्धता और वाणी कुशलता
नक्षत्र स्वामी: मंगल
राशि स्वामी: शुक्र, बुध
देवता: सोम - अमर अमृत के देवता
प्रतीक: हिरण का सिर
आषाढ़ अमावस्या का महत्व
आषाढ़ अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने के लिए एक अत्यंत शुभ तिथि माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और पितृदेवों की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। परंपरा के अनुसार, इस दिन तर्पण और पिंडदान करने से पितर तृप्त होते हैं और साधक को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। धार्मिक दृष्टि से यह तिथि पितृशांति और मोक्ष की कामना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। आषाढ़ अमावस्या 2025 में आज यानी 25 जून को मनाई जा रही है।
आषाढ़ अमावस्या प्रारंभ- 24 जून को शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
आषाढ़ अमावस्या समाप्त- 25 जून को शाम 04 बजकर बजे तक
आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें
- इस दिन पितृ चालीसा, पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करें। इससे पितरों की कृपा मिलती है और पितृ दोष से राहत मिल सकती है।
- आषाढ़ अमावस्या पितरों की आत्मा की शांति के लिए बहुत खास होती है। इस दिन तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य जरूर करें।
- श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को खाना या वस्त्र दान करें।
- इस दिन गाय, कौआ, कुत्ता और चींटियों को भोजन कराना बहुत शुभ माना जाता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
- अमावस्या के दिन कोई भी शुभ काम जैसे विवाह, गृह प्रवेश या मुंडन नहीं करना चाहिए।
- अमावस्या के दिन झाड़ू खरीदना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
- इस दिन बाल कटवाना और नाखून काटना भी उचित नहीं माना जाता। इससे पितरों की शांति भंग हो सकती है और अशुभ फल मिल सकते हैं।
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