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    Aaj ka Panchang 24 March 2025: दशमी तिथि पर बन रहे हैं कई शुभ योग, एक क्लिक में पढ़ें पंचांग

    Updated: Mon, 24 Mar 2025 08:07 AM (IST)

    आज यानी 24 मार्च को कई शुभ-अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही आज सोमवार भी है। सनातन धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। मान्यता के अनुसार शिव जी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त के विषय में।

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    Aaj ka Panchang 24 March 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि आज यानी 24 मार्च को है। आज सोमवार व्रत व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवार व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। चैत्र की दशमी तिथि पर कई शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।

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    आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 24 March 2025)

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 20 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट पर

    चंद्रोदय - सुबह 03 बजकर 34 मिनट से

    चन्द्रास्त - दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर

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    वार - सोमवार

    ऋतु - वसंत

    शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 57 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से देर रात 12 बजकर 50 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 07 बजकर 52 मिनट से 09 बजकर 24 मिनट तक

    गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर से 59 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन

    शिव मंत्र (Shiv Mantra)

    1. सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

    उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

    परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

    वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

    हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

    एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।

    2. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।