Aaj ka Panchang 19 June 2025: आषाढ़ माह की अष्टमी तिथि पर बन रहे ये योग, पंचांग से जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 19 जून को आषाढ़ माह का तीसरा गुरुवार है। इस दिन श्रीहरि की पूजा करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी दुख दूर होते हैं। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang) के बारे में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 19 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज गुरुवार व्रत भी किया जा रहा है। सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को प्रिय है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरुवार के दिन व्रत और श्रीहरि की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी संकट दूर होते हैं। गुरुवार के दिन कई योग भी बन रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इन योग में पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसे आइए जानते हैं आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त (Aaj ka Panchang 19 June 2025) के बारे में।
तिथि: कृष्ण अष्टमी
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: गुरुवार
संवत्: 2082
तिथि: सप्तमी दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक
योग: प्रीति प्रात: 07 बजकर 40 मिनट तक
करण: बावा दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक
करण: 19 जून को बलवा प्रात: 12 बजकर 48 मिनट तक
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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चंद्रोदय: 20 जून को रात 12 बजकर 55 मिनट पर
चन्द्रास्त: दोपहर 12 बजकर 52 मिनट पर
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: मीन
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रातः 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक
अमृत काल: शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 13 मिनट तक
गुलिक काल: प्रातः 08:53 बजे से रात्रि 10:38 बजे तक
यमगंडा: प्रातः 05:23 बजे से 07:08 बजे तक
राहु काल: दोपहर 02:07 बजे से दोपहर 03:52 बजे तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: प्रातः 08 बजकर 53 मिनट से रात्रि 10 बजकर 38 मिनट तक
यमगंडा: प्रात: 05 बजकर 23 मिनट से प्रातः 07 बजकर 08 मिनट तक
राहु काल: दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से दोपहर 03 बजकर 52 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र: रात्रि 11 बजकर 17 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: एकांतप्रिय, स्वतंत्र स्वभाव, तर्कशील, सुंदरता, आक्रामकता, ईर्ष्या, करुणामयी आत्मा, कूटनीतिक और दयालु
नक्षत्र स्वामी: शनि
राशि स्वामी: बृहस्पति
देवता: अहीर बुधनिया (जल ड्रैगन)
प्रतीक: शव वाहन (शव ले जाने वाला वाहन)
भगवान विष्णु की पूजा में करें इन मंत्रों का जप
1. ॐ नमोः नारायणाय॥
2. विष्णु भगवते वासुदेवाय मन्त्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
3. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
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