Aaj ka Panchang 16 June 2025: जून के तीसरे सोमवार पर बन रहे हैं ये योग, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 16 जून को जून के महीने का तीसरा सोमवार है। यह दिन भगवान शिव को प्रिय है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन महादेव की पूजा करने से साधक की सभी मुरादें पूरी होती है। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang) के बारे में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 16 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि पर सोमवार पड़ रहा है। सनातन धर्म में सोमवार के दिन का विशेष महत्व है। इस अवसर पर महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवार व्रत करने से जातक को मनचाहा वर मिलता है और विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। सोमवार के दिन कई योग बन रहे है। इन योग में महादेव की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होगी। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग (Aaj ka Panchang 16 June 2025) के बारे में।
तिथि: कृष्ण पंचमी
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
तिथि: पंचमी दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक
योग: वैधृति प्रात: 11 बजकर 07 मिनट तक
करण: तैतिल दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक
करण: 17 जून को गरज प्रात: 03 दोपहर 12 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
चंद्रोदय: रात 11 बजकर 20 मिनट पर
चन्द्रास्त: सुबह 09 बजकर 48 मिनट पर
सूर्य राशि: वृषभ
चंद्र राशि: मकर
पक्ष: कृष्ण
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शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक
अमृत काल: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शाम 04 बजकर 20 मिनट तक
गुलिक काल: दोपहर 02:07 बजे से दोपहर 03:51 बजे तक
यमगंडा: प्रात: 10:37 बजे से 12:22 बजे तक
राहु काल: प्रात: 07:08 बजे से प्रात: 08:52 बजे तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक
यमगंडा: प्रात: 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 22 बजे मिनट तक
राहु काल: प्रात: 07 बजकर 08 मिनट से प्रात: 08 बजकर 52 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
धनिष्ठा नक्षत्र: 17 जून को प्रात: 01 बजकर 13 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: साहसी स्वभाव, मजबूत इच्छाशक्ति, आत्मविश्वासी, संघर्षशील, स्वतंत्र सोच, उदार दृष्टिकोण, वीरता से युक्त, संगीत प्रेमी, कलात्मक प्रतिभा
नक्षत्र स्वामी: मंगल
राशि स्वामी: शनि
देवता: आठ वसु (भौतिक समृद्धि के देवता)
प्रतीक: ढोल या बांसुरी
शिव मंत्र (Shiv Mantra)
1. सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।
2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
3. नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।
4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
5. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
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