Aaj ka Panchang 11 May 2025: इन योग में मनाई जा रही है नरसिंह जयंती, एक क्लिक में पढ़ें पंचांग
आज यानी 11 मई को नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti 2025) मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया था। नरसिंह जयंती के दिन कई योग भी बन रहे हैं। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरसिंह जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान नरसिंह की पूजा-अर्चना होती है। नरसिंह जयंती के दिन कई शुभ-अशुभ (Today Puja Time) योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक (astropatri.com) से जानते हैं कि आज का (Aaj ka Panchang 11 May 2025) पंचांग।
आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 11 May 2025)
तिथि- चतुर्दशी तिथि रात 08 बजकर 01 मिनट तक
योग- 12 मई को सुबह 05 बजकर 01 मिनट तक
करण- गरज सुबह 06 बजकर 46 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 33 मिनट पर
सूर्यास्त - रात 07 बजकर 02 मिनट पर
चंद्रोदय - शाम 06 बजकर 01 मिनट पर
चन्द्रास्त - 12 मई को सुबह 04 बजकर 56 मिनट पर
वार - रविवार
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शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक
अशुभ समय
गुलिक काल- दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से शाम 05 बजकर 21 मिनट तक
यमगंडा- दोपहर 12 बजकर 18 से दोपहर 01 बजकर 59 मिनट तक
राहु काल- शाम 05 बजकर 21 मिनट से रात 07 बजकर 03 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज स्वाती नक्षत्र में रहेंगे।
स्वाती नक्षत्र - 12 मई को सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक
स्वामी ग्रह- राहु
दिन के विशेष अशुभ समय खंड: एक सरल समझ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर दिन को कुछ विशेष समय खंडों विभाजित किया गया है। इस दौरान कुछ कामों को करने की मनाही है। यदि संभव हो, तो इन समयों में शुभ कार्यों को टालना ही अच्छा होता है, लेकिन यह भी सत्य है कि ईश्वर का नाम सभी कालों, ग्रहों और परिस्थितियों से परे है। आस्था, निष्ठा और शुभ संकल्प के साथ कोई भी कार्य हर समय मंगलकारी हो सकता है।
राहुकाल- यह काल राहु ग्रह के प्रभाव में होता है, जिसे भ्रम, असमंजस और अचानक घटित होने वाली घटनाओं से जोड़ा जाता है। इस अवधि में कोई नया कार्य, यात्रा, निवेश या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से थोड़ा बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यह समय ध्यान, आत्मचिंतन और साधना जैसे आंतरिक कार्यों के लिए अनुकूल होता है।
यमगण्ड काल- यह समय यम देवता के अधीन होता है, जो जीवन के अनुशासन और कर्मफल के प्रतीक माने जाते हैं। यमगण्ड काल में भी नए कार्यों, विशेष रूप से यात्रा की शुरुआत से बचना उचित रहता है। यह समय संयम, आत्मनियंत्रण और अनुशासन का अभ्यास करने के लिए उपयुक्त माना गया है।
गुलिक काल- गुलिक काल, शनि देव के पुत्र गुलिक से संबंधित होता है। विभिन्न ग्रंथों में इसे मिश्रित फलदायी माना गया है। कुछ परंपराएं इसे सामान्य या दीर्घकालिक कार्यों जैसे आध्यात्मिक अभ्यास, संयमित योजनाएं या चिंतन के लिए उपयुक्त मानती हैं। यह काल पूर्णतया अशुभ नहीं है, लेकिन सतर्कता आवश्यक रहती है।
इस बात का रखें ध्यान
इस बात का अवश्य रखें कि ये समय खंड केवल ऊर्जा की एक विशेष स्थिति को दर्शाते हैं, न कि किसी कार्य के निषेध को यदि संभव हो, तो इन समयों में शुभ कार्यों को करने से थोड़ा परहेज करना चाहिए, लेकिन यह भी सत्य है कि ईश्वर का नाम सभी कालों, ग्रहों और परिस्थितियों से परे है। आस्था, निष्ठा और शुभ संकल्प के साथ कोई भी कार्य हर समय मंगलकारी हो सकता है।
नरसिंह जयंती का महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार, नरसिंह जयंती इस बार आज यानी 11 मई को मनाई जा रही है। इस दिन को भगवान नरसिंह के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसे नरसिंह जयंती कहा जाता है। भगवान नरसिंह, भगवान विष्णु के एक विशेष अवतार हैं, जो धर्म की रक्षा और भक्तों की मदद के लिए प्रकट हुए थे।
नरसिंह जयंती की पूजा विधि
- नरसिंह जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ -सुथरे वस्त्र पहनें। फिर घर में भगवान विष्णु या भगवान नरसिंह की मूर्ति या चित्र के सामने पूजा स्थान पर दीपक जलाएं।
- भगवान को फूल, अक्षत, पंचामृत, चंदन और तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इसके बाद श्रद्धा भाव से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- इसके बाद ओम नृसिंहाय नमः इस पावन मंत्र का 108 बार जाप करें। इस दिन व्रत रखने और सच्चे मन से भगवान की भक्ति करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है।
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