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    Aaj ka Panchang 10 May 2025: शनिवार के दिन बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त

    Updated: Sat, 10 May 2025 08:02 AM (IST)

    शनिवार का दिन मुख्य रूप से न्याय के देवता शनिदेव जी के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन पर अगर अपने कर्मों पर ध्यान देते हैं शनिदेव की पूजा और ध्यान करते हैं तो इससे आपको शनि पीड़ा नहीं होगी। ऐसे में चलिए पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का पंचांग।

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    Aaj ka Panchang 10 May 2025: पढ़िए आज का पंचांग।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज शनिवार 10 मई के दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर बहुत से शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक जी से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 10 May 2025) पंचांग।

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    आज का पंचांग (Panchang 10 May 2025)

    वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि- शाम 5:29 बजे तक।

    संवत् - 2082

    नक्षत्र - चित्रा मई 11 को प्रातः 03:15 बजे तक

    योग - सिद्धि सुबह 04:01, 11 मई तक

    करण

    तैतिल करण शाम 05:29 बजे तक, गरज पूर्ण रात्रि

    वार - शनिवार

    ऋतु - ग्रीष्म

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 7 बजकर 01 मिनट पर

    चंद्रोदय - शाम 5 बजकर 06 मिनट पर

    चंद्रास्त - 11 मई की सुबह 4 बजकर 25 मिनट पर

    शुभ समय

    अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 8 बजकर 55 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 7 बजकर 14 मिनट तक

    यमगंडा - दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक

    दिशा शूल - पश्चिम

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    अशुभ समय खंड की सरल समझ

    वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक दिन को कुछ विशेष समय खंडों में बांटा गया है, जिनमें से कुछ को नए अथवा महत्वपूर्ण कार्य आरंभ करने के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।

    राहु काल- यह समय राहु देव से संबंध रखता है। इसे भ्रम, अनिश्चितता और अप्रत्याशित परिणामों से जुड़ा माना जाता है। आमतौर पर इस काल में यात्रा, निवेश, या नए कार्य की शुरुआत न करने की हिदायत है। ध्यान, साधना और आत्मचिंतन के लिए यह समय उपयुक्त है।

    यम गण्ड- यह समय यम देव से जुड़ा होता है, जो अनुशासन और नियति का प्रतीक हैं। यम गंड में भी महत्वपूर्ण कार्य या यात्रा आरंभ करने से बचने की सलाह दी जाती है। यह काल आत्मनियंत्रण और संयम के लिए उपयुक्त माना गया है।

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    गुलिक काल- यह काल शनि देव के पुत्र गुलिक से संबंधित है। यह समय कुछ परंपराओं में निरपेक्ष या मध्यम रूप से शुभ माना गया है। कई ग्रंथों में तो इसे दीर्घकालिक कार्यों या आध्यात्मिक अभ्यास के लिए अच्छा बताया गया है।

    यह दैनिक पंचांग Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है। सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।