Aaj ka Panchang 07 July 2025: आषाढ़ द्वादशी तिथि पर बन रहे हैं कई योग, जानें देवशयनी एकादशी व्रत का पारण टाइम
वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर देवशयनी एकादशी व्रत किया जाता है और इसके अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज के (Aaj ka Panchang 07 July 2025) शुभ और अशुभ योग के बारे में।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 07 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर देवशयनी एकादशी व्रत का पारण किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मितला है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
व्रत का पारण करने के बाद साधक को अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान भी करना चाहिए। आज कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 07 July 2025) और शुभ योग के बारे में।
तिथि: शुक्ल द्वादशी
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
तिथि: द्वादशी रात्रि 11 बजकर 10 मिनट तक
योग: शुभ रात्रि 10 बजकर 03 मिनट तक
करण: बव प्रातः 10 बजकर 15 मिनट तक
करण: बलव रात्रि 11 बजकर 10 मिनट तक
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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 29 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चंद्रोदय: दोपहर 04 बजकर 36 मिनट पर
चन्द्रास्त: 8 जुलाई को रात 02 बजकर 50 मिनट पर
देवशयनी एकादशी 2025 व्रत पारण का समय
07 जुलाई व्रत पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 29 मिनट से लेकर 08 बजकर 16 मिनट तक है।
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: वृश्चिक
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक
अमृत काल: दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक
यमगंड: प्रात: 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
राहु काल: प्रात: 07 बजकर 14 मिनट से प्रात: 08 बजकर 58 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
अनुराधा नक्षत्र: 08 जुलाई को प्रातः 01 बजकर 11 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: समाज में सम्मानित, आत्मकेंद्रित, आक्रामक, साहसी, बुद्धिमान, मेहनती, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित और सुंदर बाल
नक्षत्र स्वामी: शनि
राशि स्वामी: मंगल
देवता: मित्रता के देवता
प्रतीक: अंतिम रेखा पर एक फूल
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