Aaj ka Panchang 07 April 2025: दशमी तिथि पर बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पढ़ें पंचांग
पंचांग के अनुसार 07 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल की दशमी तिथि है। इसके अगले दिन यानी एकादशी तिथि पर कामदा एकादशी व्रत किया जाता है। दशमी तिथि पर कई शुभ और अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 07 अप्रैल को है। इस दिन सोमवार है। सनातन धर्म में सोमवार के दिन का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवार व्रत करने से जातक को मनचाहा वर मिलता है। साथ ही विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। पंचांग के अनुसार, 07 अप्रैल को कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।
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आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 07 April 2025)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट पर
चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर
चंद्रास्त- रात 03 बजकर 35 मिनट पर
वार - सोमवार
ऋतु - वसंत
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 19 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजे 12 बजकर 45 मिनट तक
चन्द्र राशि- कर्क
अशुभ समय
राहुकाल - शाम 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 14 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक
दिशा शूल - पूर्व
नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ
शिव मूल मंत्र
ॐ नमः शिवाय॥
रूद्र मंत्र
ॐ नमो भगवते रूद्राय ।
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय
धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव प्रार्थना मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
शिव नमस्कार मंत्र
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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