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    Aaj ka Panchang 05 April 2025: महाष्टमी पर बन रहे हैं भद्रावास समेत कई योग, एक क्लिक में पढ़ें पंचांग

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 08:25 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार 05 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि ( Chaitra Navratri day 8) है। इस तिथि पर कन्या पूजा किया जाता है। साथ ही भक्त माता महागौरी की पूजा करते हैं। इस तिथि पर कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

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    Aaj ka Panchang 05 April 2025 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 05 अप्रैल को है। चैत्र नवरात्र में आठवें दिन माता महागौरी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन में सुखों की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता महागौरी की पूजा करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं। चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, अष्टमी तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है और अष्टमी पर सुकर्मा योग का भी संयोग बन रहा है। पंचांग के अनुसार, 05 अप्रैल को कई शुभ और अशुभ योग भी बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।

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    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: दुर्गा अष्टमी कब है? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    आज का पचांग (Aaj ka Panchang 05 April 2025)

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 11 बजकर 41 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 19 मिनट पर

    वार - शनिवार

    ऋतु - वसंत

    शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

    चन्द्र राशि- मिथुन

    चैत्र नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

    अशुभ समय

    राहुकाल - शाम 05 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 42 मिनट तक

    गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

    राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर

    माता महागौरी मंत्र

    श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

    देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: अष्टमी और नवमी पर कब करें कन्या पूजन, जरूर जान लें शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।