Chaitra Navratri 2025: 04 या 05 अप्रैल, दुर्गा अष्टमी कब है? एक क्लिक में दूर करें कन्फ्यूजन
हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इससे एक दिन पहले देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami 2025 Kab Hai) का व्रत रखा जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का खास महत्व है। चैत्र नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। वहीं, अष्टमी तिथि पर देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शांति आती है।
ज्योतिष भी दुख एवं संकट से निजात पाने के लिए देवी मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह देते हैं। जगत जननी मां दुर्गा के शरणागत रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इस साल 06 अप्रैल को रामनवमी है। वहीं, चतुर्थी और पंचमी तिथि एक दिन पड़ने के चलते साधक अष्टमी तिथि को लेकर कन्फ्यूज (Durga Ashtami 2025 Kab Hai) हैं। आइए, दुर्गा अष्टमी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
यह भी पढ़ें: 03 अप्रैल से इन राशियों के जीवन में होगा नया सवेरा, खुशियों से भर जाएगा जीवन
दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 04 अप्रैल को रात 08 बजकर 12 मिनट पर होगी। वहीं, समापन 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर होगा। धर्म जानकारों की मानें तो 05 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी (Chaitra Navratri 2025) मनाई जाएगी। साधक सही तिथि के लिए स्थानीय पंचांग का अनुसरण कर सकते हैं। साधक चाहे तो नजदीक के प्रकांड पंडित या ज्योतिष से भी सलाह ले सकते हैं।
चैत्र नवरात्र तिथि
- 02 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की पंचमी तिथि है।
- 03 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि है।
- 04 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि है।
- 05 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि है।
- 06 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि है।
दुर्गा अष्टमी शुभ योग (Durga Ashtami Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास योग निशा काल में है। दुर्गा अष्टमी पर सुकर्मा योग का भी संयोग है। साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
- चन्द्रोदय- दोपहर 11 बजकर 41 मिनट पर
- चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 19 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
यह भी पढ़ें: इस दिन खत्म होगा खरमास, शादी-ब्याह समेत शुभ कामों का होगा फिर आगाज
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।