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    Mesh Sankranti 2025: इस दिन खत्म होगा खरमास, शादी-ब्याह समेत शुभ कामों का होगा फिर आगाज

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 01 Apr 2025 07:53 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो मेष राशि (Mesh Sankranti 2025 Date) को सूर्य देव हमेशा शुभ फल देते हैं। सूर्य देव की कृपा से मेष राशि के जातक करियर और कारोबार मे बेहतर करते हैं। मेष राशि के जातक लीडर टाइप के होते हैं। इसके लिए बिजनेस में जल्द सफल होते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से साधक पर सूर्य देव की कृपा बरसती है।

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    Mesh Sankranti 2025:मेष संक्रांति कब है? नोट करें शुभ मुहूर्त

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का खास महत्व है। यह पर्व सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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    वर्तमान समय में आत्मा के कारक सूर्य देव मीन राशि में विराजमान हैं। सूर्य देव के मीन राशि में गोचर के चलते खरमास चल रहा है। सूर्य देव जल्द ही अपनी चाल बदलेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि से खरमास समाप्त होगा। आइए, मेष संक्रांति की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-  

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    सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)

    आत्मा के कारक सूर्य देव 13 अप्रैल तक मीन राशि में विराजमान रहेंगे। वहीं, 14 अप्रैल को सूर्य देव देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। मेष राशि में सूर्य देव 14 मई तक रहेंगे। सूर्य देव के मेष राशि में गोचर करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इस दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाएंगे।

    मेष संक्रांति शुभ मुहूर्त (Meen Sankranti Shubh Muhurat)

    मेष संक्रांति के दिन पुण्य काल सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक है। इस समय में सूर्य देव की पूजा एवं साधना कर सकते हैं।

    मेष संक्रांति शुभ योग (Meen Sankranti Shubh Yog)

    मेष संक्रांति पर अभिजीत मुहूर्त का संयोग है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 56 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। इसके साथ ही स्वाति नक्षत्र और शिववास योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, कौलव, तैतिल और गर करण के संयोग हैं। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 07 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 08 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।