Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी पर जरूर करें कार्तिकेय जी के मंत्रों का जप, जानें पूजा विधि
हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2025) मनाई जाती है। यह तिथि मुख्य रूप से स्कंद भगवान यानी शिव जी के पुत्र कार्तिकेय के लिए समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से तमिल हिंदुओं द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं भगवान कार्तिकेय की पूजा विधि और मंत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण भारत में स्कंद भगवान को मुरुगन और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप स्कंद षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय की विशेष पूजा-अर्चना और मंत्रों के जप द्वारा उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti 2025 Shubh Muhurat)
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 04 मार्च को दोपहर 03 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 05 मार्च को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी मंगलवार, 04 मार्च 2025 को मनाई जाएगी।
स्कंद षष्ठी पूजा विधि (Skanda Sashti Puja Vidhi)
स्कंद षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद स्कंद भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा में भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें। भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें।
कार्तिकेय जी को फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें। साथ ही उन्हें फल, मिठाई का भोग लगाएं। आप भगवान कार्तिकेय को मोर पंख काफी प्रिय माना गया है, ऐसे में आप उन्हें मोर पंख अर्पित कर सकते हैं। अंत में स्कंद भगवान के मंत्रों व आरती का पाठ करें।
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करें इन मंत्रों का जप
कार्तिकेय गायत्री मंत्र - ओम तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:
ऊं शारवाना-भावाया नमः
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मनः काँता कार्तिकेया नामोस्तुते
ऊं सुब्रहमणयाया नमः
सफलता हेतु मंत्र -
आरमुखा ओम मुरूगा
वेल वेल मुरूगा मुरूगा
वा वा मुरूगा मुरूगा
वादी वेल अज़्गा मुरूगा
अदियार एलाया मुरूगा
अज़्गा मुरूगा वरूवाई
वादी वेलुधने वरूवाई
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