Sita Navami 2025: सीता नवमी की पूजा में जरूर करें ये स्तुति, भगवान राम का भी मिलेगा आशीर्वाद
हर साल वैशाख शुक्ल नवमी पर सीता नवमी मनाई जाती है। इस बार यह पर्व सोमवार 05 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन मध्याह्न मुहूर्त में सीता की जी की पूजा की जाती है। ऐसे में मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 01 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्याओं के अनुसार, वैशाख शुक्ल नवमी तिथि पर माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं, इसलिए इस तिथि को सीता नवमी (Sita Navami 2025) के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन पर अगर आप विधिवत रूप से माता सीता और भगवान श्रीरामचंद्र की पूजा करते हैं, तो इससे आपको अपार सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस दिन पूजा के समय श्री जानकी स्तुति का पाठ अवश्य करें।
।।श्री जानकी स्तुति।। (Shri Janaki Stuti)
श्रीजानकीस्तुतिः
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥ १॥
दारिद्र्यरणसंहत्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥ २॥
भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसन्त्री भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥ ३॥
सीता नवमी के दिन जगत जननी मां सीता का प्राकट्य हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम संग मां सीता की पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम मिलने लगते हैं। माना जाता है कि मां सीता की उपासना करने से साधक के जीवन में आ रहे सभी प्रकार के दुख, संकट और क्लेश दूर हो सकते हैं।
(Picture Credit: Instagram)
यह भी पढ़ें - Sita Navami 2025: सीता नवमी पर इस नियम से करें भगवान राम की पूजा, कुंडली से दूर होगा अशुभ ग्रहों का प्रभाव
पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम् ।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम् ॥ ४॥
आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम् ॥ ५॥
नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥ ६॥
पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्षस्थलालयाम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम् ॥ ७॥
आह्लादरूपिणीं सिद्धि शिवां शिवकरी सतीम् ।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥ ८॥
इति श्रीस्कन्दमहापुराणे सेतुमाहात्म्ये श्रीहनुमत्कृता
श्रीजानकीस्तुतिः सम्पूर्णा ।
माता सीता के मंत्र
1. "ॐ सीतायै नमः"
2. "श्री जानकी रामाभ्यां नमः"
3. मूल मंत्र - श्री सीतायै नमः।
4. बीज मंत्र - "ॐ श्री सीता रामाय नमः"
5. गायत्री मंत्र - "ॐ जनकाय विद्महे राम प्रियाय धीमहि। तन्नो सीता प्रचोदयात्॥"
6. श्री जानकी रामाभ्यां नमः ।।
7. ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे रामवल्लभायै धीमहि । तन्न: सीता प्रचोदयात् ।।
8. तौ भगवानु सकल उर बासी। करिहि मोहि रघुबर कै दासी।।
जेहि कें जेहि पर सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।
यह भी पढ़ें - Sita Navami 2025: सीता नवमी पर करें मां जानकी के इन मंत्रों का जप, दूर होंगे सभी दुख और संकट
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।