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    Sita Navami 2025: सीता नवमी पर करें मां जानकी के इन मंत्रों का जप, दूर होंगे सभी दुख और संकट

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 11:00 PM (IST)

    हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी मनाई जाती है। इस बार यह पर्व सोमवार 05 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन मध्याह्न मुहूर्त में सीता की जी की पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन पर मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 01 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है।

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    Sita Navami 2025 इस तरह प्राप्त करें सीता जी की कृपा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राम नवमी के एक माह बाद सीता नवमी (Sita Navami 2025) मनाई जाती है। इस तिथि को माता सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को जानकी नवमी भी कहा जाता है। सीता नवमी पर माता सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में आप विशेष कृपा प्राप्ति के लिए इस दिन पर मां जानकी के 108 नामों का मंत्र जप कर सकते हैं।

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    मां जानकी के 108 नाम

    1. ॐ सीतायै नमः
    2. ॐ जानक्यै नमः
    3. ॐ देव्यै नमः
    4. ॐ वैदेह्यै नमः
    5. ॐ राघवप्रियायै नमः
    6. ॐ रमायै नमः
    7. ॐ अवनिसुतायै नमः
    8. ॐ रामायै नमः
    9. ॐ राक्षसान्तप्रकारिण्यै नमः
    10. ॐ रत्नगुप्तायै नमः
    11. ॐ मातुलिङ्ग्यै नमः
    12. ॐ मैथिल्यै नमः
    13. ॐ भक्ततोषदायै नमः
    14. ॐ पद्माक्षजायै नमः
    15. ॐ कञ्जनेत्रायै नमः
    16. ॐ स्मितास्यायै नमः
    17. ॐ नूपुरस्वनायै नमः
    18. ॐ वैकुण्ठनिलयायै नमः
    19. ॐ मायै नमः
    20. ॐ श्रियै नमः
    21. ॐ मुक्तिदायै नमः
    22. ॐ कामपूरण्यै नमः
    23. ॐ नृपात्मजायै नमः
    24. ॐ हेमवर्णायै नमः
    25. ॐ मृदुलाङ्ग्यै नमः
    26. ॐ सुभाषिण्यै नमः
    27. ॐ कुशाम्बिकायै नमः
    28. ॐ दिव्यदायै नमः
    29. ॐ लवमात्रे नमः
    30. ॐ मनोहरायै नमः
    31. ॐ हनुमद् वन्दितपदायै नमः
    32. ॐ मुक्तायै नमः
    33. ॐ केयूरधारिण्यै नमः
    34. ॐ अशोकवनमध्यस्थायै नमः
    35. ॐ रावणादिकमोहिण्यै नमः
    36. ॐ विमानसंस्थितायै नमः
    37. ॐ सुभृवे नमः
    38. ॐ सुकेश्यै नमः
    39. ॐ रशनान्वितायै नमः
    40. ॐ रजोरूपायै नमः
    41. ॐ सत्वरूपायै नमः
    42. ॐ तामस्यै नमः
    43. ॐ वह्निवासिन्यै नमः
    44. ॐ हेममृगासक्त चित्तयै नमः
    45. ॐ वाल्मीकाश्रम वासिन्यै नमः
    46. ॐ पतिव्रतायै नमः
    47. ॐ महामायायै नमः
    48. ॐ पीतकौशेय वासिन्यै नमः
    49. ॐ मृगनेत्रायै नमः
    50. ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः
    51. ॐ धनुर्विद्या विशारदायै नमः
    52. ॐ सौम्यरूपायै नमः
    53. ॐ दशरथस्तनुषाय नमः
    54. ॐ चामरवीजितायै नमः
    55. ॐ सुमेधा दुहित्रे नमः
    56. ॐ दिव्यरूपायै नमः
    57. ॐ त्रैलोक्य पालिन्यै नमः
    58. ॐ अन्नपूर्णायै नमः
    59. ॐ महाल्क्ष्म्यै नमः
    60. ॐ धिये नमः
    61. ॐ लज्जायै नमः
    62. ॐ सरस्वत्यै नमः
    63. ॐ शान्त्यै नमः
    64. ॐ पुष्ट्यै नमः
    65. ॐ शमायै नमः
    66. ॐ गौर्यै नमः
    67. ॐ प्रभायै नमः
    68. ॐ अयोध्यानिवासिन्यै नमः
    69. ॐ वसन्तशीतलायै नमः
    70. ॐ गौर्यै नमः
    71. ॐ स्नान सन्तुष्ट मानसायै नमः
    72. ॐ रमानाम भद्रसंस्थायै नमः
    73. ॐ हेमकुम्भपयोधरायै नमः
    74. ॐ सुरार्चितायै नमः
    75. ॐ धृत्यै नमः
    76. ॐ कान्त्यै नमः
    77. ॐ स्मृत्यै नमः
    78. ॐ मेधायै नमः
    79. ॐ विभावर्यै नमः
    80. ॐ लघूधरायै नमः
    81. ॐ वारारोहायै नमः
    82. ॐ हेमकङ्कणमण्दितायै नमः
    83. ॐ द्विजपत्न्यर्पितनिजभूषायै नमः
    84. ॐ रघवतोषिण्यै नमः
    85. ॐ श्रीरामसेवनरतायै नमः
    86. ॐ रत्नताटङ्क धारिण्यै नमः
    87. ॐ रामवामाङ्कसंस्थायै नमः
    88. ॐ रामचन्द्रैक रञ्जिन्यै नमः
    89. ॐ सरयूजल सङ्क्रीडा कारिण्यै नमः
    90. ॐ राममोहिण्यै नमः
    91. ॐ सुवर्ण तुलितायै नमः
    92. ॐ पुण्यायै नमः
    93. ॐ पुण्यकीर्तये नमः
    94. ॐ कलावत्यै नमः
    95. ॐ कलकण्ठायै नमः
    96. ॐ कम्बुकण्ठायै नमः
    97. ॐ रम्भोरवे नमः
    98. ॐ गजगामिन्यै नमः
    99. ॐ रामार्पितमनसे नमः
    100. ॐ रामवन्दितायै नमः
    101. ॐ राम वल्लभायै नमः
    102. ॐ श्रीरामपद चिह्नाङ्गायै नमः
    103. ॐ राम रामेति भाषिण्यै नमः
    104. ॐ रामपर्यङ्कशयनायै नमः
    105. ॐ रामाङ्घ्रिक्षालिण्यै नमः
    106. ॐ वरायै नमः
    107. ॐ कामधेन्वन्नसन्तुष्टायै नमः
    108. ॐ मातुलिङ्गकराधृतायै नमः

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    सीता नवमी के शुभ अवसर पर विधि-विधान से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और मां सीता की पूजा करने से साधक के सभी दुख और संकट दूर हो सकते हैं। साथ ही इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। 

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