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    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र में नौ देवियों की कृपा प्राप्ति के लिए करें ये पाठ

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:00 PM (IST)

    इस बार शारदीय नवरात्र की अवधि 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहने वाली है। नवरात्र के दौरान भक्त देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं जिससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में आप इस पावन अवधि में रोजाना नवदुर्गा स्तोत्रम् का पाठ करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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    Shardiya Navratri 2025 ऐसे प्राप्त करें माता रानी की कृपा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह में आन वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्र के रूप में जाना जाता है।इस पावन अवधि में इस दौरान माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में आप इन नौ दिनों में माता रानी की उपासना के दौरान नवदुर्गा स्तोत्रम् का पाठ कर सकते हैं, जिससे आपको देवी के सभी स्वरूपों की कृपा की प्राप्ति हो सकती है। इससे जीवन में सुख-शांति आती है और कष्टों का भी निवारण होता है। चलिए पढ़ते हैं नवदुर्गा स्तोत्र।

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    ॥ नवदुर्गा स्तोत्रम् ॥

    ॥ देवी शैलपुत्री ॥

    वन्दे वाञ्छितलाभायचन्द्रार्धकृतशेखराम्।

    वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥

    ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥

    दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।

    देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥

    ॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥

    पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता।

    प्रसादं तनुते मह्यम्चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥3॥

    (Picture Credit: Freepik)

    ॥ देवी कूष्माण्डा ॥

    सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च।

    दधाना हस्तपद्माभ्याम्कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥4॥

    ॥ देवी स्कन्दमाता ॥

    सिंहासनगता नित्यम्पद्माश्रितकरद्वया।

    शुभदास्तु सदा देवीस्कन्दमाता यशस्विनी॥5॥

    माता रानी की कृपा पाने के लिए नवरात्र की अवधि को उत्तम माना गया है। ऐसे में आपको इन नौ दिनों में माता रानी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए, ताकि आपको देवी मां की कृपा प्राप्त हो सके और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन हो।

    ॥ देवी कात्यायनी ॥

    चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना।

    कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी॥6॥

    ॥ देवी कालरात्रि ॥

    एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

    लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलभ्यक्तशरीरिणी॥

    वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।

    वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी॥7॥

    ॥ देवी महागौरी ॥

    श्र्वेते वृषे समारूढाश्र्वेताम्बरधरा शुचि:।

    महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥8॥

    ॥ देवी सिद्धिदात्रि ॥

    सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

    सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥9॥

    ॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

    आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए नवरात्र की अवधि को बहुत पावन माना जाता है। इस दौरान अगर आप सच्चे मन से देवी मां की आराधना करते हैं, तो मां दुर्गा आपको सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही साधक की सभी मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है। 

    मां दुर्गा के मंत्र -

    1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    3. मां दुर्गा ध्यान मंत्र -

    ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|

    लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥

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