Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Durga Ashtami 2025: मां महागौरी की कृपा पाने के लिए करें इस चालीसा का पाठ, पूरी होगी हर एक मुराद

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 08:30 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर (Durga Ashtami 2025) पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां गौरी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आएगी। साथ ही सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। देवी मां दुर्गा की महिमा निराली है।

    Hero Image
    Durga Ashtami 2025: मां महागौरी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 30 सितंबर को शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी है। यह पर्व साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा और भक्ति की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए अष्टमी का व्रत रखा जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धार्मिक मत है कि देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाही मुराद भी पूरी होती है। अगर आप भी जीवन में व्याप्त दुखों से निजात पाना चाहते हैं, तो महाअष्टमी पर श्रद्धा भाव से देवी मां दुर्गा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

    दुर्गा चालीसा

    नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

    निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

    शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

    रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥

    तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥

    अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

    तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥ शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।

    शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

    रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

    धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥

    रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

    लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥

    क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

    हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥

    मातंगी अरु धूमावती माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

    श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

    केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥

    कर में खप्पर खड्ग विराजै । जाको देख काल डर भाजै॥

    सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

    नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहूं लोक में डंका बाजत॥

    शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥

    महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

    रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

    परी गाढ़ सन्तन र जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥

    अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥

    ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नरनारी॥

    प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

    ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्ममरण ताकौ छुटि जाई॥

    जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

    शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥

    निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

    शक्ति रूप को मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥

    शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

    भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

    मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

    आशा तृष्णा निपट सतावें। मोह मदादिक सब बिनशावें॥

    शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

    करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि सिद्धि दै करहु निहाला॥

    जब लगि जिऊँ दया फल पाऊं । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥

    श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परम पद पावै॥

    देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी।।

    यह भी पढ़ें- Maa Durga Puja, Durga Ashtami 2025: कब है दुर्गा अष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त; आज महासप्तमी पर करें मां कालरात्रि की पूजा

    यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 8th Day: मां महागौरी की पूजा कैसे करें? इस दौरान क्या भोग लगाएं और किस मंत्र का जप करें?

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।