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    Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये पाठ, मानसिक व शारीरिक कष्टों से मिलेगी मुक्ति

    शीतला अष्टमी का व्रत होली के लगभग 8 दिन बाद किया जाता है। ऐसे में इस बार शीतला अष्टमी शनिवार 22 मार्च को मनाई जा रहा है। हिंदू धर्म माता शीतला (Sheetla Mata) को स्वच्छता एवं आरोग्य की देवी माना गया है। ऐसे में आप इस दिन पर श्री कालिकाष्टकम् और महालक्ष्म्यष्टकम् का पाठ कर सकते हैं जिससे आपको आरोग्य का आशीर्वाद मिल सकता है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Mon, 17 Mar 2025 06:40 PM (IST)
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    Sheetala Ashtami 2025: माता शीतला को ऐसे करें प्रसन्न।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी मनाई जाती है, जिसे बासोड़ा या फिर बसोड़ा नाम से जाना जाता है। इस दिन मुख्य रूप में मां शीतला की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें एक दिन पहले बनाए गए बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। ऐसे में आप इस दिन पर शीतला माता की कृपा प्राप्ति के लिए ये कार्य कर सकते हैं। 

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    ॥ श्री कालिकाष्टकम् ॥

    गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमालामहोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला।

    विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशीमहाकालकामाकुला कालिकेयम्॥1॥

    भुजे वामयुग्मे शिरोऽसिं दधानावरं दक्षयुग्मेऽभयं वै तथैव।

    सुमध्याऽपि तुङ्गस्तनाभारनम्रालसद्रक्तसृक्कद्वया सुस्मितास्या॥2॥

    शवद्वन्द्वकर्णावतंसा सुकेशीलसत्प्रेतपाणिं प्रयुक्तैककाञ्ची।

    शवाकारमञ्चाधिरूढा शिवाभिश्-चतुर्दिक्षुशब्दायमानाऽभिरेजे॥3॥

    विरञ्च्यादिदेवास्त्रयस्ते गुणांस्त्रीन्समाराध्य कालीं प्रधाना बभूबुः।

    अनादिं सुरादिं मखादिं भवादिंस्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥4॥

    जगन्मोहनीयं तु वाग्वादिनीयंसुहृत्पोषिणीशत्रुसंहारणीयम्।

    वचस्तम्भनीयं किमुच्चाटनीयंस्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥5॥

    इयं स्वर्गदात्री पुनः कल्पवल्लीमनोजांस्तु कामान् यथार्थं प्रकुर्यात्।

    तथा ते कृतार्था भवन्तीति नित्यं-स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥6॥

    सुरापानमत्ता सुभक्तानुरक्तालसत्पूतचित्ते सदाविर्भवत्ते।

    जपध्यानपूजासुधाधौतपङ्कास्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥7॥

    चिदानन्दकन्दं हसन् मन्दमन्दंशरच्चन्द्रकोटिप्रभापुञ्जबिम्बम्।

    मुनीनां कवीनां हृदि द्योतयन्तंस्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥8॥

    महामेघकाली सुरक्तापि शुभ्राकदाचिद् विचित्राकृतिर्योगमाया।

    न बाला न वृद्धा न कामातुरापिस्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥9॥

    क्षमस्वापराधं महागुप्तभावं मयालोकमध्ये प्रकाशिकृतं यत्।

    तव ध्यानपूतेन चापल्यभावात्स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥10॥

    यदि ध्यानयुक्तं पठेद् यो मनुष्यस्तदासर्वलोके विशालो भवेच्च।

    गृहे चाष्टसिद्धिर्मृते चापि मुक्तिःस्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः॥11॥

    कई राज्यों में शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन माता को लगाए गए बासी भोजन का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। 

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    ॥ महालक्ष्म्यष्टकम् ॥

    नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

    शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥1॥

    नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।

    सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥2॥

    सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।

    सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥3॥

    सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

    मन्त्रमूर्ते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥4॥

    आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

    योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥5॥

    स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

    महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥6॥

    पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।

    परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥7॥

    श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।

    जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥8॥

    महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।

    सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा॥9॥

    एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

    द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः॥10॥

    त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

    महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥11॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।