Move to Jagran APP

Naugrah Vaidik Mantra: नौ ग्रहों के वैदिक मंत्र, जिनका जाप आपके लिए होगा कल्याणकारी

Naugrah Vaidik Mantra ज्योतिषाचार्य कई बार आपको नौ ग्रहों के मंत्र जाप की सलाह देते हैं। हम आपको नौ ग्रह के वैदिक मंत्रों और अन्य मंत्रों के बारे में बता रहे हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 12:30 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:28 AM (IST)
Naugrah Vaidik Mantra: नौ ग्रहों के वैदिक मंत्र, जिनका जाप आपके लिए होगा कल्याणकारी
Naugrah Vaidik Mantra: नौ ग्रहों के वैदिक मंत्र, जिनका जाप आपके लिए होगा कल्याणकारी

Naugrah Vaidik Mantra: ज्योतिष में नौ ग्रहों का विशेष महत्व है। कुंडली में इनके स्थान से व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है। यदि ये ग्रह उचित स्थान पर हैं, तो जीवन बेहतर, यश और कीर्ति से युक्त, साधन संपन्न, वैभव, धन-संपत्ति से परिपूर्ण होता है। यही ग्रह नीच भाव में होते हैं तो जीवन में कष्ट, अपयश, हानि, दरिद्रता, मृत्यु योग जैसी बातें देखने को मिलती हैं। अक्सर जब आप अपनी कुंडली किसी ज्योतिषाचार्य को दिखाते हैं तो वे ग्रहों के भाव और उसके प्रभाव को देखते हैं। ऐसे में कई बार आपको नौ ग्रहों के मंत्र जाप की सलाह देते हैं। आज हम आपको नौ ग्रह के वैदिक मंत्रों और अन्य मंत्रों के बारे में बता रहे हैं।

loksabha election banner

नौ ग्रह के वैदिक मंत्र

सूर्य का वैदिक मंत्र:

ओम आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो विनेशयन्नमृतं मत्र्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

चंद्रमा का वैदिक मंत्र:

ओम इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठयाय महते जानराज्यायेनद्रस्येन्द्रियाय।इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणाना राजा।।

भौम का वैदिक मंत्र:

ओम अ​ग्निर्मूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्। अपा रेता सि जिन्वति।।

बुध का वैदिक मंत्र:

ओम उद्बुण्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च। अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वे देवा यजमानश्च सीदत।।

गुरु का वैदिक मंत्र:

ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।

शुक्र का वैदिक मंत्र:

ओम अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत्क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:। ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपान शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयो अमृतं मधु।।

शनि का वैदिक मंत्र:

ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।

राहु का वैदिक मंत्र:

ओम कया ​नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा। कया शचिष्ठया वृता।।

केतु का वैदिक मंत्र:

ओम केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे। समुषद्भिरजायथा:।।

Planet And Your Body Part: जानें कौन सा ग्रह किस अंग को करता है प्रभावित, पढ़ें शरीर के अंगों और रचनाओं से इनका संबंध

नौ ग्रह के दूसरे मंत्र

सूर्य मंत्र: ओम ह्रीं ह्रौं सूर्याय नम:

चंद्रमा मंत्र: ओम ऐं क्लीं सोमाय नम:

मंगल मंत्र: ओम हूं श्रीं मंगलाय नम:

बुध मंत्र: ओम ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नम:

बृहस्पति मंत्र: ओम ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नम:

शुक्र मंत्र: ओम ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:

श​नि मंत्र: ओम ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम:

राहु मंत्र: ओम ऐं ह्रीं राहवे नम:

केतु मंत्र: ओम ह्रीं ऐं केतवे नम:


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.