Masik Krishna Janmashtami 2025: इस तरह करें लड्डू गोपाल की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Janmashtami 2025 Date) के दिन लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना जाता है जो भगवान श्रीकृष्ण के ही बाल स्वरूप माने गए हैं। ऐसा करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लड्डू गोपाल जी की पूजा विधि और मंत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत किया जाता है। ऐसे में फाल्गुन माह की मासिक कृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार, 20 फरवरी के दिन मनाई जा रही है। इस दिन पूजा का मुहूर्त रात 12 बजे से रात 01 बजे तक रहने वाला है।
लड्डू गोपाल की पूजा विधि
- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं
- घंटी बजाकर लड्डू गोपाल को उठाएं।
- इसके बाद लड्डू गोपाल को स्नान करवाएं औप साफ-सुथरे वस्त्र पहनांए।
- लड्डू गोपाल को चंदन का तिलक लगाएं और उनका शृंगार करें।
- इसके बाद तुलसी का पत्ता डालकर लड्डू गोपाल को भोग लगाएं।
- अंत में कृष्ण जी के मंत्रों का जप करते हुए आरती करें।
लगाएं इन चीजों का भोग
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन आप लड्डू गोपाल को खीर का भोग लगा सकते हैं। इसके साथ ही इस दिन पर माखन मिश्री का भोग लगाना भी काफी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह लड्डू गोपाल जी का प्रिय भोग माना जाता है।
भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि इसके बिना लड्डू गोपाल का भोग अधूरा माना जाता है। वहीं भोग के दौरान इस मंत्र का जप जरूर करें, क्योंकि ऐसा माना जात है कि इस मंत्र का जप करने से भगवान आपके भोग को जल्दी स्वीकार करते हैं -
' त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाणे सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
यह भी पढ़ें - Masik Krishna Janmashtami की पूजा इस चालीसा के बिना है अधूरी, पाठ करने से सभी कष्ट होंगे दूर
(Picture Credit: Freepik)
भगवान कृष्ण के मंत्र -
- ॐ कृष्णाय नमः
- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
- ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
- ओम क्लीम कृष्णाय नमः
- गोकुल नाथाय नमः
- ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
- ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
यह भी पढ़ें - Janaki Jayanti 2025: जानकी जयंती पर करें इन चौपाइयों का पाठ, प्रभु श्रीराम की भी मिलेगी कृपा
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।