Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mahashivratri 2020: ​महाशिवरात्रि को पूजा के समय करें भगवान शिव की आरती, पढ़ें कर्पूरगौरं मंत्र

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 20 Feb 2020 04:37 PM (IST)

    Mahashivratri 2020 Shiv Ki Aarti महाशिवरात्रि के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान शिव की आरती जरूर करें। आरती संपन्न होने के बाद कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण करें।

    Mahashivratri 2020: ​महाशिवरात्रि को पूजा के समय करें भगवान शिव की आरती, पढ़ें कर्पूरगौरं मंत्र

    Mahashivratri 2020: Shiv Ki Aarti भगवान शिव और माता पार्वती के महामिलन का दिन महाशिवरात्रि इस वर्ष 21 फरवरी 2020 को है। इस दिन माता पर्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूर मुख्य रूप से अर्पित किया जाता है। आज के दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान शिव की आरती जरूर करें। आरती संपन्न होने के बाद कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भगवान शिव जी की आरती

    जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा।

    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।। ओम जय शिव ओंकारा...

    एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

    हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे।। ओम जय शिव ओंकारा...

    दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

    त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।। ओम जय शिव ओंकारा...

    अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।

    चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी।। ओम जय शिव ओंकारा...

    श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।

    सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे।। ओम जय शिव ओंकारा...

    कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।

    सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी।। ओम जय शिव ओंकारा...

    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

    प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका।। ओम जय शिव ओंकारा...

    लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।

    पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।। ओम जय शिव ओंकारा...

    पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।

    भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।। ओम जय शिव ओंकारा...

    जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।

    शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।। ओम जय शिव ओंकारा...

    काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी।

    नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।

    त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।

    कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे।। ओम जय शिव ओंकारा...

    Mahashivratri 2020 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें शिव आराधना, जानें पूजा सामग्री, विधि, मंत्र, शिव चालीसा, आरती एवं कथा

    कर्पूरगौरं मंत्र

    कर्पूरगौरं करुणावतारंं, संसारसारं भुजगेंद्रहारम्।

    सदा वसन्तं हृदयारविंदे, भवं भवानीसहितं नमामि।।

    पूजा के बाद आरती क्यों है जरूरी?

    पूजा के बाद आरती अपने इष्ट देव को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। पूजा में जो भी कमी होती है, उसे आरती के माध्यम से पूर्ण किया जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि आरती करने से आपकी पूजा संपूर्ण हो जाती है। इसमें कोई कमी नहीं रहती है। साधारणतया पांच बत्ती बाले दीपक से आरती की जानी चाहिए, जिसे पंचप्रदीप भी कहते हैं। एक, सात या उससे अधिक बत्तियों वाले दीप से भी आरती होती है। कपूर से भी आरती करने का रिवाज है।