Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा के दिन करें तुलसी चालीसा का पाठ, धन में होगी अपार वृद्धि

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 12:21 PM (IST)

    हर महीने की आखिरी तिथि पर पूर्णिमा का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2025) के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। पवित्र नदी में स्न्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

    Hero Image
    Sharad Purnima 2025: कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा का त्योहार 06 अक्टूबर (Sharad Purnima 2025 Date) को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही धन में अपार वृद्धि होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं और सच्चे मन तुलसी चालीसा का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि तुलसी चालीसा का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक तंगी दूर होती है। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं तुलसी चालीसा।

    ।।दोहा तुलसी चालीसा।।

    ''श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय।

    जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय।।''

    नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।

    दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।।

    विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूँ लोक की हो सुखखानी।

    भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।।

    जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।

    करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।।

    कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।

    तव पूजन जो करैं कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।।

    कर जो पूजन नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।

    वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।।

    श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई।

    कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।।

    छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी।

    तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन, सकल काज सिधि होवै क्षण में।।

    औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता,

    देव रिषी मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।।

    वेद पुरानन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।

    नमो नमो जै जै सुखकारनि, नमो नमो जै दुखनिवारनि।।

    नमो नमो सुखसम्पति देनी, नमो नमो अघ काटन छेनी।

    नमो नमो भक्तन दुःख हरनी, नमो नमो दुष्टन मद छेनी।।

    नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।

    नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।।

    नमो नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सुख उपजावनि।

    जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।।

    निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।

    करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।।

    शरण चरण कर जोरि मनाऊं, निशदिन तेरे ही गुण गाऊं।

    क्रहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।।

    मंगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।

    जनूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।।

    बरह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।

    प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।।

    चन्दन अक्षत पुष्प् चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।

    करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।।

    पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।

    यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहै क्लेशा।।

    करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।

    है यह कथा महा सुखदाई, पढ़े सुने सो भव तर जाई।।

    तुलसी मैया तुम कल्याणी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी।

    भाव ना तुझे माँ नित नित ध्यावे, गा गाकर मां तुझे रिझावे।।

    यह श्रीतुलसी चालीसा पाठ करे जो कोय।

    गोविन्द सो फल पावही जो मन इच्छा होय।।

    यह भी पढ़ें- Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा की रात करें ये दुर्लभ उपाय, जागेगी सोई हुई किस्मत

    यह भी पढ़ें- Sharad Purnima के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, बिगड़े काम होंगे पूरे, जीवन में बनी रहेगी सुख-शांति

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।