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Holika Dahan 2023 Muhurat: इस शुभ मुहूर्त में करें होलिका दहन, साथ ही जानें पूजा विधि

Holika Dahan 2023 Shubh Muhrat Puja Vidhi फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। आज होलिका दहन के लिए सिर्फ 2 घंटे ही मिल रहे हैं। जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghPublished: Mon, 06 Mar 2023 09:09 AM (IST)Updated: Tue, 07 Mar 2023 03:32 PM (IST)
Holika Dahan 2023 Muhurat: इस शुभ मुहूर्त में करें होलिका दहन, साथ ही जानें पूजा विधि
Holika Dahan 2023 Shubh Muhrat: होलिका दहन की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat Puja Vidhi: खुशियों और उमंगों का पर्व होलिका दहन का पर्व आज मनाया जा रहा है। होलिका दहन को बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष भद्रा के कारण देश के कुछ हिस्सों में होलिका दहन का आयोजन आज यानि 07 मार्च 2023 के दिन प्रदोष काल में किया जाएगा। आइए जानते हैं होलिका दहन शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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Holika Dahan 2023: होलिका दहन की राख से करें ये खास टोटके, रोग- दोष से छुटकारा के साथ होगा धन लाभ

होलिका दहन 2023 कब (Holika Dahan 2023 Date)

पंचांग के अनुसार, इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। कई जगहों पर 6 को तो कई जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जा रहा है।

दरअसल, होलिका दहन का मुहूर्त तीन चीजों पर निर्भर करता है। पूर्णिमा तिथि, प्रदोष काल और भद्रा न हो। ऐसा बहुत ही कम होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो। लेकिन पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का होना बेहद जरूरी है। पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन  करना शुभ माना जाता है।

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होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Muhurat)

फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च,  मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर

भद्रा- 6 मार्च को  शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

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होलिका दहन का महत्व

हिंदू धर्म के अनुसार होलिका दहन का पौराणिक और धा4मिक महत्व दोनों ही है। क्योंकि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। इसके साथ ही इस दिन होलिका दहन की विधिवत पूजा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इतना ही नहीं इसके साथ ही बसंत ऋतु का स्वागत करते हुए अग्नि देवता को धन्यवाद देते हैं।

होलिका दहन 2023 पूजा विधि (Holika Dahan 2023 Puja Vidhi)

होलिका की पूजा से पहले भगवान नरसिंह और प्रहलाद का ध्यान करें। इसके बाद होलिका में फूल, माला, अक्षत, चंदन, साबुत हल्दी, गुलाल, पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां आदि चढ़ा दें। इसके साथ ही भोग लगा दें। फिर कच्चा सूत लपेटते हुए होलिका के चारों ओर परिवार के साथ मिलकर परिक्रमा कर लें। इसके बाद होलिका में जल का अर्घ्य दें और सुख-समृद्धि की कामना करें।  फिर सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन करें। होलिका दहन के समय अग्नि में कंडे, उबटन, गेहूं की बाली, गन्ना, चावल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही होलिका दहन के अगले दिन होलिका दहन की राख माथे में लगाने के साथ पूरे शरीर में लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के रोग-दोष से छुटकारा मिलेगा। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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