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    Holika Dahan 2023 Mantra: होलिका दहन के समय करें इन मंत्रों का जाप, पाएं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    Holika Dahan 2023 Mantra हिंदू धर्म में होलिका दहन का विशेष महत्व है। इस दिन व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर नए जीवन की शुरुआत करता है। ऐसे में जानिए होलिका दहन के समय किन मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

    By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Mon, 06 Mar 2023 10:59 AM (IST)
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    Holika Dahn 2023 Mantra: होलिका दहन के समय करें इन मंत्रों का जाप, पाएं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    नई दिल्ली, Holika Dahan 2023 Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ शाम को सुबह शुभ मुहूर्त पर होलिका का दहन किया जाता है। इसके साथ ही अग्नि में चावल, जौ, बताशा, गन्ना, कंडे सहित कई चीजें अर्पित की जाती है। उसके अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को होली खेलती जाती है। जानिए होलिका दहन के समय किन मंत्रों का जाप करना होगा शुभ।

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    ये भी पढ़ें- Holika Dahan 2023 Date: इस साल कब है होलिका दहन 6 या 7 मार्च? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा। इसके साथ ही 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी।

    होलिका दहन का मुहूर्त- शाम 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक

    अवधि- 2 घंटे 27 मिनट

    भद्रा मुख समय- 7 मार्च को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट से शाम 5 बजकर 6 मिनट तक

    भद्रा पूंछ- 7 मार्च को शाम 4 बजकर 53 मिनट से 6 बजकर 10 मिनट तक

    फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू

    फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक

    होलिका पूजन मंत्र

    होलिका के लिए मंत्र- ॐ होलिकायै नम:

    परमभक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:

    भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न

    होलिका दहन में कुछ चीजें अर्पित कर रहे हैं, तो इस मंत्र को बोलना शुभ माना जाता है।

    अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।

    होलिका भस्म का मंत्र

    अगर होलिका दहन के बाद उसकी भस्म को अपने माथे में लगा रहे हैं, तो इस मंत्र को बोले।

    वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।

    अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।