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    Gupt Navratri June 2025: आज से शुरू हो चुके हैं गुप्त नवरात्र, राशियों के अनुसार जानिए कौन सा पढ़ें मंत्र

    देवशयनी एकादशी के बाद चौमासे में जो कार्य स्थगित होंगे, उनके आरंभ के लिए साधन नवरात्र से जुटाए जाते हैं। आषाढ़ के गुप्त नवरात्र के 9 दिवसीय पर्व की शुरुआत आज 26 जून 2025 से हो रही है। शक्ति के नौ रूपों की आराधना इस दौरान की जाएगी।

    By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Thu, 26 Jun 2025 04:23 PM (IST)
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    गुप्त नवरात्र के दौरान ढाड़ी-बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातों का समय'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति की पूजा की जाती है। साल में माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन महीनों में चार बार नवरात्र आते हैं।

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    इसमें माघ और आषाढ़ के नवरात्र को गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri June 2025) कहा जाता है, जब देवी की साधना गुप्त रूप से की जाती है। यदि आप अपनी राशि के आधार पर मां की उपासना और मंत्र जाप (Chanting Mantras According to Zodiac Sign) करेंगे, तो आपको इसका विशेष लाभ मिल सकता है।

    चलिए जानते हैं इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास से जानते हैं कि राशि के अनुसार आपको मां के किस रूप की उपासना करनी चाहिए। साथ ही यह भी जानिए कि किस मंत्र का जाप करना आपके लिए लाभकारी रहेगा।

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    मेषः मंगल के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के स्कंदमाता रूप की पूजा करनी चाहिए। सिद्धकुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। मंत्र- ॐ ह्रीं उमा देव्यै नमः का जाप करें।

    वृषभः शुक्र के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मंत्र- ॐ क्रां क्री क्रू कालिका देव्यै नमः का जाप करें।

    मिधुनः बुध के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। मंत्र ॐ दूं दुर्गार्य नमः का जाप करें।

    कर्क: चंद्र के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। अर्गला और कीलक स्तोत्र का पाठ करें। मंत्र- ॐ ललिता देव्यै नमः का जाप करें।

    सिंहः सूर्य के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ॐ ऐं महासरस्वती देव्यै नमः मंत्र का जाप करें।

    कन्याः बुध के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। ॐ शूल धारिणी देव्यै नमः मंत्र का जाप करें।

    तुलाः शुक्र के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के महागौरी की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करें।

    वृश्चिकः मंगल के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। ॐ क्लीं कामाख्यै नमः मंत्र का जाप करें।

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    धनुः गुरु के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जाप करें।

    मकरः शनि के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा चालीसा का पाठ करें। ॐ पां पार्वती देव्ये नमः मंत्र का जाप करें।

    कुंभः शनि के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। ॐ पां पार्वती देव्ये नमः मंत्र का जाप करें।

    मीन: गुरु के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ॐ श्रीं हीं श्रीं दुगा देव्ये नमः मंत्र का जाप करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।