Gupt Navratri June 2025: गुप्त नवरात्र में ग्रहों की पीड़ा होगी दूर, जानिए देवी के किस रूप की करनी है पूजा
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से 26 जून गुरुवार को गुप्त नवरात्र शुरु हो चुके हैं। चार जुलाई को शुक्रवार को गुप्त नवरात्रों का समापन होगा। इस दौरान मां के विभिन्न रूपों की पूजा की जाता है। यदि आप किसी ग्रह विशेष की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो जानिए आपको देवी के किस रूप की करनी है पूजा।
26 जून से 4 जुलाई तक चलेंगे आषाढ़ गुप्त नवरात्र।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ गुप्त नवरात्र आज गुरुवार 26 जून 2025 से शुरू हो चुके हैं। साल में आने वाले दो गुप्त नवरात्र के मौके गुप्त साधना के लिए होते हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्र से उलट इन गुप्त नवरात्रों में साधन गुप्त रूप से मां की साधना करते हैं।
नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करके ग्रहों की पीड़ा को कम किया जा सकता है। हर दिन की देवी पूजा के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ, नवार्ण मंत्र का जाप और कुछ विशेष उपाय करने से ग्रहों की पीड़ा से शांति मिलती है।
आप जिस ग्रह की पीड़ा से परेशान चल रहे हैं, उस ग्रह से संबंधित मां के स्वरूप की आराधना करने से आपको लाभ मिलेगा। हालांकि, आपको किसी योग्य ज्योतिषी से भी ज्योतिषीय परामर्श लेना चाहिए। उनके बताए उपायों को करने से जल्द लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं ग्रहों की शांति के लिए नवरात्र के दौरान क्या उपाय करने चाहिए।
विभिन्न ग्रहों के लिए देवियों की पूजा
- यदि आप सूर्य ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करें।
- यदि आप बुध ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करें।
- यदि आप बृहस्पति ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करें।
- यदि आप शनि ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करें।
- यदि आप राहु ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करें।
- यदि आप केतु ग्रह से पीड़ित हो रहे हैं, तो नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें।
- राहु-केतु की पीड़ा से बचने के लिए मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा भी सहायक होती है।
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नवार्ण मंत्र का जाप
"ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस मंत्र के प्रत्येक अक्षर से एक ग्रह जुड़ा हुआ है। रोजाना आपको विषम संख्या जैसे 1, 3, 5 या 7 माला का जाप करना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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