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    Sankashti Chaturthi 2025: एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन जरूर करें गणेश जी की आरती, सफल होगी पूजा

    Updated: Fri, 16 May 2025 09:24 AM (IST)

    संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर होते हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। ऐसे में पूजा के दौरान भगवान श्रीगणेश जी की आरती व मंत्रों का जप जरूर करें।

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    Sankashti Chaturthi 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ माह में संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 मई को मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा के साथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखता है और गणेश जी की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस दिन पर चंद्रमा अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में चन्द्रोदय का रात 10 बजकर 39 मिनट है।

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    कैसे करें पूजा?

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और व्रत का संकल्प लें।
    • पूजा में गणेश जी को दूर्वा, मोदक और लाल फूल अर्पित करें।
    • "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें।
    • पूजा के दौरान गणेश जी की आरती व मंत्रों का जप करें।
    • शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    गणेश जी की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

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    गणेश जी के मंत्र -

    एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति जी की पूजा-अर्चना के दौरान गणेश जी के मंत्रों का जप भी जरूर करें। इससे आपको बप्पा की खास कृपा मिलती है।

    1. श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।

    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

    2. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।

    वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥

    3. ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,

    तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

    4. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये

    वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।