Yogini Ekadashi 2024: भगवान विष्णु की पूजा के समय जरूर करें एकादशी आरती, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति
धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्रती की हर मनोकामना ( Yogini Ekadash Importance) पूरी होती है। साथ ही जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Yogini Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 2 जुलाई यानी आज योगिनी एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जा रही है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही दुख और दरिद्रता भी जीवन से दूर होती है। अगर आप भी जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो आज विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ और पूजा मंत्रों का जप करें। वहीं, पूजा का समापन एकादशी आरती से करें।
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एकादशी आरती
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।।
ॐ जय एकादशी...
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।
ॐ जय एकादशी...
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।।
ॐ जय एकादशी...
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।।
ॐ जय एकादशी...
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।।
ॐ जय एकादशी...
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।।
ॐ जय एकादशी...
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।।
ॐ जय एकादशी...
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।।
ॐ जय एकादशी...
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।।
ॐ जय एकादशी...
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।।
ॐ जय एकादशी...
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।।
ॐ जय एकादशी...
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।।
ॐ जय एकादशी...
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।।
ॐ जय एकादशी...
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।।
ॐ जय एकादशी...
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।।
ॐ जय एकादशी...
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