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    Chaitra Navratri Day 9: मां सिद्धिदात्री की पूजा में करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी संकट होंगे दूर

    चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) का आखिरी दिन यानी नवमी तिथि जगत जनना आदिशक्ति मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन के बिना चैत्र नवरात्र की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे करें मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न?

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 06 Apr 2025 08:06 AM (IST)
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    Chaitra Navratri 2025: कैसे करें मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 06 अप्रैल (Chaitra Navratri 2025) को चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें रूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सभी सुख मिलते हैं।

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    अगर आप मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो नवमी तिथि पर पूजा के दौरान मां सिद्धिदात्री देवी स्तोत्र का पाठ जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसका पाठ करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी रोग और संकटों से छुटकारा मिलता है। आइए पढ़ते हैं मां सिद्धिदात्री देवी स्तोत्र।

    मां सिद्धिदात्री देवी स्तोत्र

    वन्दे वांछितमनरोरार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।

    कमलस्थिताचतुर्भुजासिद्धि यशस्वनीम्॥

    स्वर्णावर्णानिर्वाणचक्रस्थितानवम् दुर्गा त्रिनेत्राम।

    शंख, चक्र, गदा पदमधरा सिद्धिदात्रीभजेम्॥

    पटाम्बरपरिधानांसुहास्यानानालंकारभूषिताम्।

    मंजीर, हार केयूर, किंकिणिरत्नकुण्डलमण्डिताम्॥

    प्रफुल्ल वदनापल्लवाधराकांत कपोलापीनपयोधराम्।

    कमनीयांलावण्यांक्षीणकटिंनिम्ननाभिंनितम्बनीम्॥

    कंचनाभा शंखचक्रगदामधरामुकुटोज्वलां।

    स्मेरमुखीशिवपत्नीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

    पटाम्बरपरिधानांनानालंकारभूषितां।

    नलिनस्थितांपलिनाक्षींसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

    परमानंदमयीदेवि परब्रह्म परमात्मा।

    परमशक्ति,परमभक्तिसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

    चैत्र नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

    विश्वकतींविश्वभर्तीविश्वहतींविश्वप्रीता।

    विश्व चताविश्वतीतासिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

    भुक्तिमुक्तिकारणीभक्तकष्टनिवारिणी।

    भवसागर तारिणी सिद्धिदात्रीनमोअस्तुते।।

    धर्माथकामप्रदायिनीमहामोह विनाशिनी।

    मोक्षदायिनीसिद्धिदात्रीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

    (Pic Credit-AI )

    माता सिद्धिदात्री देवी कवच

    ओंकार: पातुशीर्षोमां, ऐं बीजंमां हृदयो ।

    हीं बीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो ॥

    ललाट कर्णोश्रींबीजंपातुक्लींबीजंमां नेत्र घ्राणो ।

    कपोल चिबुकोहसौ:पातुजगत्प्रसूत्यैमां सर्व वदनो ॥

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    ।।मां दुर्गा की आरती।।

    जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

    तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

    उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

    रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

    सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

    कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

    धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

    मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

    आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

    बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

    भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

    मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

    श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

    कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।

    जय अम्बे गौरी,...।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।