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    Chaitra Navratri 2025: अष्टमी और नवमी पर न करें ये काम, वरना पूर्ण फल से रह जाएंगे वंचित

    नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। नवरात्र में 05 अप्रैल को महाष्टमी का व्रत किया जाएगा वहीं नवमी 06 अप्रैल यानी राम नवमी के दिन मनाई जाएगी। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साधक को इन दोनों तिथियों पर कौन-से कार्य करने से बचना चाहिए वरना व्रत के पूर्ण फल से आप वंचित रह सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 04 Apr 2025 11:00 PM (IST)
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    Chaitra Navratri 2025 अष्टमी और नवमी पर रखें इन बातों का ध्यान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) की अष्टमी तिथि पर देवी महागौरी की पूजा-अर्चना होती है, इसे महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं नवरात्र की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री के लिए समर्पित है। साथ ही इस तिथि पर रामनवमी का पर्व भी मनाया जाता है। अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि पर ही कन्या पूजन करने के बाद नवरात्र व्रत पूर्ण माना जाता है।

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    व्रत पारण में न खाएं ये चीजें

    नवरात्र व्रत का पारण आप पूड़ी, हलवा, चने और खीर आदि खाकर कर सकते हैं। अर्थात जो भी भोग आप कन्याओं को लगाते हैं, उसी से अपने व्रत का पारण कर सकते हैं। लेकिन इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि खाना बिना लहसुन-प्याज का यानी पूर्ण रूप से सात्विक होना चाहिए। तभी आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    न करें ये गलती

    नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि पर भूल से भी नीले या फिर काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य में इन रंगों का प्रयोग शुभ नहीं माना जाता और उस कार्य का शुभ फल भी आपको नहीं मिलता। ऐसे में इन रंगों को पहनने से बचें और इसके स्थान पर आप हरे, लाल, पीले, गुलाबी, नारंगी रंग के कपड़े पहनें।

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    इन बातों का रखें ध्यान

    नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि पर बाल या फिर नाखून आदि काटने से भी बचना चाहिए। इसी के साथ इस दिन पर चमड़े आदि की चीजों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए और न ही इन चीजों को कन्या पूजन में देना चाहिए। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपको अपने व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

    (Picture Credit: Freepik) 

    जरूर करें ये काम

    नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ-साथ हवन भी जरूर करवाना चाहिए। ऐसा करने से आपको देवी मां का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।