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    Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन करें मां सरस्वती स्तोत्र का पाठ, शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगी सफलता

    By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik Sharma
    Updated: Sat, 10 Feb 2024 02:18 PM (IST)

    बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी की पूजा मां सरस्वती स्तोत्र के पाठ किए बिना अधूरी है। मां सरस्वती स्तोत्र का विधिपूर्वक पाठ करने से शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलती है और नौकरी में सफलता के मार्ग खुलते हैं।

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    Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन करें मां सरस्वती स्तोत्र का पाठ, शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगी सफलता

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Basant Panchami 2024 Maa Saraswati Stotram: सनातन धर्म में कोई न कोई त्योहार किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ठीक ऐसे ही बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा और व्रत करने का विधान है। हर साल बसंत पंचमी का पर्व माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को है।

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    इस खास असवर पर सुबह स्नान कर पीले रंग के वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बसंत पंचमी की पूजा मां सरस्वती स्तोत्र के पाठ किए बिना अधूरी है। मां सरस्वती स्तोत्र का पाठ करने से शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलती है और नौकरी में सफलता के मार्ग खुलते हैं। मां सरस्वती स्तोत्र इस प्रकार है-

    बसंत पंचमी 2024 के दिन करें सरस्वती स्तोत्र का पाठ (Basant Panchami 2024 Maa Saraswati Stotram)

    रविरुद्रपितामहविष्णुनुतं हरिचन्दनकुङ्कुमपङ्कयुतम्। मुनिवृन्दगजेन्द्रसमानयुतं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥1॥

    शशिशुद्धसुधाहिमधामयुतं शरदम्बरबिम्बसमानकरम्। बहुरत्नमनोहरकान्तियुतं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥2॥

    कनकाब्जविभूषितभूतिभवं भवभावविभाषितभिन्नपदम्। प्रभुचित्तसमाहितसाधुपदं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥3॥

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    भवसागरमज्जनभीतिनुतं प्रतिपादितसन्ततिकारमिदम्। विमलादिकशुद्धविशुद्धपदं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥4॥

    मतिहीनजनाश्रयपादमिदं सकलागमभाषितभिन्नपदम्। परिपूरितविश्वमनेकभवं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥5॥

    परिपूर्णमनोरथधामनिधिं परमार्थविचारविवेकविधिम्। सुरयोषितसेवितपादतलं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥6॥

    सुरमौलिमणिद्युतिशुभ्रकरं विषयादिमहाभयवर्णहरम्। निजकान्तिविलोपितचन्द्रशिवं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥7॥

    गुणनैककुलं स्थितिभीतपदं गुणगौरवगर्वितसत्यपदम्। कमलोदरकोमलपादतलं तव नौमि सरस्वति पादयुगम्॥8॥

    मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Mantra)

    -शारदायै नमस्तुभ्यं मम ह्रदय प्रवेशिनी, परीक्षायां सम उत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।

    -सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।

    -सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने । विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥

    -सरस्वती बीज मंत्र - ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।

    -नमस्ते शारदे देवी, काश्मी‍रपुर वासिनीं, त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,

    कंबुकंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणं भूषितां महासरस्वती देवी, जिह्वाग्रे सन्निविश्यताम्।।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'