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    Sankashti Chaturthi 2024: कर्ज से न हो परेशान, ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र के पाठ से समस्या होगी दूर

    पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Akhuratha Sankashti Chaturthi) के नाम से जाना जाता है। इस दिन गणेश जी की उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अगर आप भी धन से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ करें। इससे आर्थिक तंगी खत्म होती है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 16 Dec 2024 05:46 PM (IST)
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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, पौष माह में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व 18 दिसंबर (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024 Date) को है। इस शुभ तिथि पर गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। साथ ही जीवन के विघ्न को दूर करने के लिए व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी तिथि पर सच्चे मन से गणेश जी की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें जल्द पूरी होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आइए पढ़ते हैं ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्र।

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    मिलते हैं ये लाभ

    ऐसी धार्मिक मान्यता है कि ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जातक को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली का आगमन होता है। इसके अलावा आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कर्ज की समस्या दूर होती है।

    ॥ ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्र ॥

    ॐ स्मरामि देवदेवेशंवक्रतुण्डं महाबलम्।

    षडक्षरं कृपासिन्धुंनमामि ऋणमुक्तये॥

    महागणपतिं वन्देमहासेतुं महाबलम्।

    एकमेवाद्वितीयं तुनमामि ऋणमुक्तये॥

    एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकंब्रह्म सनातनम्।

    महाविघ्नहरं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥

    शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णंशुक्लगन्धानुलेपनम्।

    सर्वशुक्लमयं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥

    रक्ताम्बरं रक्तवर्णंरक्तगन्धानुलेपनम्।

    रक्तपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥

    कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णंकृष्णगन्धानुलेपनम्।

    कृष्णयज्ञोपवीतं चनमामि ऋणमुक्तये॥

    पीताम्बरं पीतवर्णपीतगन्धानुलेपनम्।

    पीतपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥

    सर्वात्मकं सर्ववर्णंसर्वगन्धानुलेपनम्।

    सर्वपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥

    एतद् ऋणहरं स्तोत्रंत्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।

    षण्मासाभ्यन्तरे तस्यऋणच्छेदो न संशयः॥

    सहस्रदशकं कृत्वाऋणमुक्तो धनी भवेत्॥

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    पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जप

    • ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
    • निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
    • ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
    • ऊँ गं गणपतये नमो नमः
    • ॐ गं गणपतये नमः
    • ॐ वक्रतुंडाय हुम्‌”

    आर्थिक प्रगति हेतु मंत्र

    • ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
    • ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
    • ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

    शुभ लाभ गणेश मंत्र

    • ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।

    सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र

    • श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

    अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, इस बार पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 02 मिनट पर होगा। इस प्रकार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर को किया जाएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।