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Tirupati Balaji Mandir: क्या है महा शांति होम? तिरुपति बालाजी मंदिर में किया जा रहा है इसका विशेष आयोजन

देशभर में कई चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर हैं। इनमें तिरुपति बालाजी मंदिर भी शामिल है। धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर साक्षात विराजमान हैं। रोजाना अधिक संख्या में श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शनों के लिए आते हैं। इस समय मंदिर प्रसाद को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है जिसकी वजह से महा शांति होम का (Maha Shanti Homam) आयोजन किया जा रहा है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 23 Sep 2024 10:26 AM (IST)
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तिरुपति बालाजी मंदिर में हो रहा है महा शांति होम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रसाद में मिलावट को लेकर तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Mandir) सुर्खियों में है। इस मामले के आने के बाद मंदिर प्रशासन की तरफ से देवालय की पवित्रता के लिए विशेष तैयारी की है। पवित्रता के मद्देनजर मंदिर में आज यानी 23 सितंबर को महा शांति होम किया जा रहा है। इस विशेष महा शांति होम का आयोजन श्रीवारी मंदिर की बंगारू बावी यज्ञशाला में हो रहा है। क्या आपको पता है कि महा शांति होम (Maha Shanti Homam) क्यों किया जाता है। अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

इसलिए किया जाता है महा शांति होम

तिरुपति बालाजी मंदिर में महा शांति होम का आयोजन इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि यदि मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की वजह से कोई अपवित्रता हुई है, तो उसे महा शांति होम के द्वारा दूर किया जा सकता है। महा शांति होम को शुद्धिकरण के लिए किया जाता है। मंदिर में हर साल पवित्रता को बनाए रखने के लिए पवित्रोत्सव का आयोजन किया जाता है।

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महा शांति होम का महत्व

सनातन धर्म में महा शांति होम का आयोजन किसी जगह के शुद्धिकरण के लिए किया जाता है, जिससे वह जगह पवित्र हो जाए। इस होम में विभिन्न प्रकार के मंत्रों का जप किया जाता है।

तिरुपति बालाजी मंदिर की अन्य महत्वपूर्ण बातें

मान्यता है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर अपने पत्नी पद्मावती के साथ वास करते हैं। प्रभु की इस प्रतिमा को किसी ने बनाया नहीं था। बल्कि प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी।

हर इच्छा होती है पूरी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिसकी मुरादें पूरी होती हैं वह अपना सिर मुंडवाते हैं या फिर कुछ बाल मंदिर में अर्पित करते हैं। लोग अपनी श्रद्धा अनुसार मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा पर असली बाल लगे हुए हैं। यह बाल कभी भी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं।

चंदन का लगाया जाता है लेप

भगवान वेंकेटेश्वर को गुरुवार को चंदन का लेप लगाया जाता है। प्रभु को चंदन लगाने के दौरान भगवान वेंकेटेश्वर के हृदय में धन की देवी मां लक्ष्मी की आकृति देखने को मिलती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।