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    Kiradu Mandir: रहस्यों से भरा है राजस्थान का किराडू मंदिर, यहां सूरज डूबते ही इंसान बन जाते हैं पत्थर!

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 09:09 PM (IST)

    कहते हैं कि किराडू मंदिर (Kiradu Mandir) में शिवजी के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके लिए देवों के देव महादेव को चराचर का स्वामी कहा जाता है। शिव जी के शरण और चरण में रहने वाले साधकों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

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    Kiradu Mandir: किराडू मंदिर का इतिहास एवं धार्मिक महत्व (v2.india.gov.in)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान अपनी विरासत के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस राज्य में कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। देव दर्शन के लिए देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु राजस्थान आते हैं। इनमें ब्रह्मा मंदिर, करणी माता मंदिर, खाटूश्याम जी मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर, सालासर बालाजी मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, दिलवाड़ा जैन मंदिर, एकलिंगजी मंदिर, हरिहर मंदिर, रणछोड़ मन्दिर आदि प्रमुख हैं।

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    इसके साथ ही राजस्थान कई रहस्यमयी मंदिर और स्थान के लिए जाना जाता है। इनमें राजस्थान का किराडू मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि शाम ढलने के बाद कोई नहीं रुकता है। अनदेखी करने से व्यक्ति के साथ कोई न कोई अनहोनी जरूर होती है। आइए, राजस्थान स्थित किराडू मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    कहां है किराडू मंदिर?

    राजस्थान के बाड़मेर जिले में रहस्यमयी मंदिर है। यह मंदिर शहर से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में देवों के देव महादेव विराजते हैं। दक्षिण भारत की वास्तु शैली में किराडू मंदिर का निर्माण कराया गया है। रहस्यों से भरे किराडू मंदिर को देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

    कैसे पहुंचे किराडू मंदिर?

    अगर आप देव दर्शन के लिए किराडू मंदिर जाना चाहते हैं, तो आप यात्रा के सभी माध्यम से बाड़मेर पहुंच सकते हैं। श्रद्धालु नई दिल्ली एयरपोर्ट से जोधपुर पहुंच सकते हैं। जोधपुर से बाड़मेर बस से जा सकते हैं। इसके साथ ही श्रद्धालु बस या ट्रेन के माध्यम से भी बाड़मेर पहुंच सकते हैं।

    किराडू मंदिर का इतिहास

    इतिहासकारों की मानें तो किराडू मंदिर का निर्माण परमार वंश के शासकों ने कराया है। किराडू मंदिर का इतिहास एक हजार साल पुराना है। आसान शब्दों में कहें तो किराडू मंदिर एक हजार साल पुराना है। इस मंदिर को द्रविड़ वास्तुकला शैली में बनाया गया है। किराडू मंदिर वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। किराडू मंदिर में सोमेश्वर महादेव मंदिर सबसे बड़ा है।

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    किराडू मंदिर की कथा

    स्थानीय जानकारों की मानें तो किराडू मंदिर बेहद रहस्यमयी है। मत है कि प्राचीन समय में एक संत इस गांव में आए थे। उन्होंने रहने के लिए किराडू को चुना। एक बार की बात है संत किसी काम के चलते दूसरी जगह पर गए थे। उस समय उन्होंने अपने शिष्यों को अपना ख्याल रखने की सलाह दी थी। हालांकि, उनके शिष्यों में किसी एक की सेहत बिगड़ गई। उस शिष्य की किसी ने मदद नहीं की। गांव के सभी लोगों ने मुंह मोड़ लिया। तब गांव की एक महिला ने शिष्य की सेवा और सहायता की। इससे शिष्य स्वस्थ हो गया।

    जब संत वापस गांव लौटे तो उन्हें शिष्य के बीमार होने की सूचना मिली। यह जान संत ने गांव वालों को श्राप दे दिया कि शाम होने के बाद तुम सभी पत्थर में बदल जाओगे। हालांकि, महिला को यह कहा कि हे देवी! आप जल्द गांव छोड़कर चली जाओ और जाते समय पीछे मुड़कर मत देखना। यह गांव आज के बाद वीरान हो जाएगा। उस समय महिला गांव छोड़कर जाने लगी। जाने के दौरान महिला ने मुड़कर पीछे देख लिया। इस वजह से गांव वालों की तरह महिला भी पत्थर की बन गई।  इसके लिए शाम ढलने के बाद किराडू मंदिर में रुकने की मनाही है।  

    Source: v2.india.gov.in

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।