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    Makar Sankranti के खास मौके पर इन स्थानों पर लगाएं आस्था की डुबकी, मिलेगा अक्षय पुण्य

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 01:07 PM (IST)

    मकर संक्रांति का पर्व असल में ज्योतिषीय घटना पर आधारित है जिसके अनुसार जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति (makar sankranti 2025 significance) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का धार्मिक महत्व भी काफी अधिक है। माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में यदि पवित्र नदी में स्नान किया जाए तो व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

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    Makar Sankranti 2025 गंगा स्नान से मिलता है पुण्य फल (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2025) का पर्व, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन पर गंगा स्नान का भी काफी महत्व माना गया है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत देशभर के कई पवित्र नदियों के तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान-ध्यान करते हैं। चलिए जानते हैं इस स्थानों के बारे में।

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    मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)

    मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है, जिसमें आप स्नान-दान करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं -

    मकर संक्रांति पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक

    मकर संक्रांति महा पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक

    मकर संक्रांति का क्षण - सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक

    संक्रांति करण - बालव

    संक्रांति नक्षत्र - पुनर्वसु

    होती है पुण्य फलों की प्राप्ति

    मकर संक्रांति के दिन पर प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान दूसरा अमृत स्नान (Makar Sankranti Sacred Places Bath) किया जाएगा। इस स्थान को तीर्थ राज के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में अगर आप मकर संक्रांति के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं, तो इससे आपको पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

    जरूर लगाएं डुबकी

    मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर हरिद्वार में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से साधक को पुण्य लाभ मिलते हैं। ऐसे में आप मकर संक्रांति के दिन हरिद्वार की यात्रा का भी प्लान बना सकते हैं।

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    मिलता है अक्षय पुण्य

    मकर संक्रांति के मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु वाराणसी में गंगा स्नान और काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं को अक्षय पुण्य (कभी न खत्म होने वाला पुण्य) मिलता है। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है।

    उठा सकते हैं पुण्य स्नान का लाभ

    पश्चिम बंगाल का गंगासागर भी एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। मकर संक्रांति के मौके पर हुगली नदी के संगम पर मेला भी लगता है। ऐसे में आप मकर संक्रांति पर बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्नान का लाभ भी उठा सकते हैं।

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    इन नदियों में भी कर सकते हैं स्नान

    केवल गंगा ही नहीं, बल्कि मकर संक्रांति के मौके पर आप नर्मदा नदी में भी स्नान कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसी के साथ मकर संक्रांति पर गोदावरी नदी में भी स्नान करने पर साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।