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    Mahashivratri 2025: खास तरीके से तैयार होती है महाकाल पर चढ़ने वाली भस्म, दिलाती है कष्टों से मुक्ति

    मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती (Bhasma Aarti) दुनियाभर में प्रसिद्ध है जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। इस आरती में भाग लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। महाशिवरात्रि के मौके पर भस्म आरती का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह भस्म किस तरह तैयार की जाती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 25 Feb 2025 01:28 PM (IST)
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    Mahakal Bhasm Aarti कैसे तैयार होती है भस्म?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि हिंदू धर्म में खास महत्व रखती है, क्योंकि इस दिन पर महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2025) का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस पावन दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन को शिव-शक्ति के मिलन के रूप में मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व बुधवार, 26 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है।

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    इस तरह होती है तैयार (how Mahakaleshwar Bhasma Prepared)

    महाकाल को चढ़ने वाली भस्म बनाने के लिए कपिला गाय के गोबर के कंडों के साथ शमी, पीपल, बड़, अमलतास, बेर, और वट जैसी लकड़ियों को जलाया जाता है। इस दौरान मंत्रोच्चारण भी किया जाता है। इसी के साथ महाकाल पर चढ़ने वाली भस्म में कई तरह की जड़ी-बूटियां भी शामिल होती हैं, जो इसे दिव्य बनाती हैं।

    इन सभी चीजों को अखंड धुनी में जलाने के बाद जो भस्म प्राप्त होती है, उसे कपड़े से छाना जाता है। तब जातक इस भस्म को महाकाल को अर्पित किया जाता है, जिसे हम सभी भस्म आरती के नाम से जानते हैं।

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    क्यों खास है भस्म आरती (Mahakal Bhasma Aarti significance)

    धार्मिक मान्यता है कि भगवान महाकाल के दर्शन करने से साधक को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान महाकाल की दिन में 6 बार आरती की जाती है, जिनमें से एक है भस्म आरती।

    सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती के बाद महाकाल पर चढ़ाई गई भस्म को भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। यह मान्यता है कि इस भस्म से साधक को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर होती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।