Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी के Assi Ghat का शुंभ-निशुंभ से है गहरा नाता, जानें धार्मिक महत्व

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 03:46 PM (IST)

    देशभर में कई तीर्थ स्थल हैं जिनका विशेष महत्व है। इन तीर्थस्थलों में वाराणसी का अस्सी घाट (Assi Ghat) भी शामिल है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस घाट का नाता शुंभ-निशुंभ राक्षस के वध से माना जाता है। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे इस घाट से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

    Hero Image
    Assi Ghat: अस्सी घाट का धार्मिक महत्व (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक दृष्टि से वाराणसी (Varanasi) को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस शहर में अधिक घाट हैं, जो गंगा नदी के किनारे हैं। इन घाटों पर स्नान करने का विशेष महत्व है। रोजाना विशेष आरती का आयोजन किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी के घाटों में अस्सी घाट बेहद प्रमुख है। ऐसे में आइए जानते हैं अस्सी घाट का धार्मिक महत्व और आरती समय के बारे में।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    (Pic Credit- Freepik)

    क्यों प्रसिद्ध है अस्सी घाट

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, जहां पर अस्सी घाट है। उसी जगह पर शुंभ-निशुंभ राक्षसों की हार के बाद मां दुर्गा की तलवार गिरी, जिससे वहां पर एक जलधारा निकली, जिसे अस्सी नदी का नाम दिया गया।

    यह भी पढ़ें: Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ गुफा में शिव तांडव के पाठ का विशेष है महत्व, स्वर्ग में मिलता है देवताओं जैसा सुख

    इतने बजे होती है अस्सी घाट पर आरती (Assi Ghat Assi Aarti Time)

    अस्सी घाट पर रोजाना विशेष आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें अधिक संख्या में भक्त शामिल होते हैं। आरती के दौरान अस्सी घाट पर बेहद भव्य नजारा देखने को मिलता है। अगर आप अस्सी घाट की आरती में शामिल होने का प्लान बना रहे हैं,तो जाने से पहले ही जान लें आरती के समय के बारे में।

    (Pic Credit- Freepik)

    गर्मी के दौरान अस्सी घाट पर आरती सुबह 5 बजे होती है और शाम को 6 बजे होती है। वहीं, सर्दी के दौरान 5 बजकर 3 मिनट पर और शाम को 6 बजकर 3 मिनट पर होती है।

    (Pic Credit- Freepik)

    कैसे पहुंचे अस्सी घाट

    अस्सी घाट आप हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वाराणसी में है। यहां से आप कैब के जरिए अस्सी घाट पहुंच सकते हैं। आपके पास रेल मार्ग का भी ऑप्शन है। अस्सी घाट के पास वाराणसी जंक्शन है। यहां से आप कैब की मदद से अस्सी घाट पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप कैब या बस के जरिए भी अस्सी घाट तक पहुंच सकते हैं।

     

    (Pic Credit- Freepik)

    मणिकर्णिका घाट का रहस्य

    अस्सी घाट के अलावा वाराणसी में मणिकर्णिका घाट भी है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस घाट पर देवी पार्वती का श्राप लगा था, जिसकी वजह से इस घाट पर हमेशा चिता जलती हुई देखने को मिलती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मणिकर्णिका घाट पर हमेशा चिता जलती रहती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस घाट पर व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।  

    यह भी पढ़ें:  Badrinath Temple: बद्रीनाथ धाम को कैसे मिला ये नाम, बहुत ही खास है इसके पीछे की कहानी

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।