Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shani Sade Sati: मीन राशि वालों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति? ऐसे पाएं शनिदेव की कृपा

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 06:29 PM (IST)

    मीन राशि (Shani Sade Sati) के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं। वहीं आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। इस राशि के लिए शुभ रंग पीला है। भगवान विष्णु की पूजा करने से कुंडली में गुरु मजबूत होता है। इस राशि में सुखों के कारक शुक्र देव उच्च के होते हैं।

    Hero Image
    Shani Sade Sati: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। न्याय के देवता शनिदेव की महिमा अपरंपार है। अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से साधक अल्प समय में सफल हो जाता है। ज्योतिष करियर और कारोबार संबंधी परेशानी दूर करने के लिए भी शनिदेव की पूजा करने की सलाह देते हैं। इसके लिए साधक शनिवार के दिन कर्मफल दाता शनिदेव की पूजा करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्तमान समय में न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इसके लिए न केवल मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती चल रही है, बल्कि मेष और कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती चल रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि कब मीन राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    कुंभ राशि

    वर्तमान समय में कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। कुंभ राशि के जातकों को 03 जून, 2027 को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। इस दिन शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी।

    मेष राशि

    वर्तमान समय में मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। शनिदेव के राशि परिवर्तन से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। वहीं, मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा।

    मीन राशि

    न्याय के देवता शनिदेव 8 अगस्त, 2029 को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन शनिदेव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस दिन मीन राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। वहीं, 03 जून, 2027 से साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा।

    शनि स्तोत्र

    नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च ।

    नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥

    नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।

    नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥

    नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।

    नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥

    नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।

    नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥

    नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते ।

    सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥

    अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते ।

    नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥

    तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च ।

    नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:॥

    ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे ।

    तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्॥

    देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।

    त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:॥

    प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे ।

    एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:॥

    प्रसन्नो यदि मे सौरे ! वरं देहि ममेप्सितम् ।

    अद्य प्रभृति-पिंगाक्ष ! पीडा देया न कस्यचित् ॥

    यह भी पढ़ें- Shani Gochar 2025: इन 2 राशियों पर बरसेगी शनिदेव की कृपा, धन की परेशानी होगी दूर

    यह भी पढ़ें- Shani Gochar 2025: 18 अगस्त से इन राशियों पर बरसेगी शनिदेव की कृपा, धन से भर जाएगी तिजोरी

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।